सुलतानपुर: मामला जिले की सदर तहसील के अंतर्गत शाहपुर गांव से जुड़ा हुआ है. रेहाना बेगम पत्नी सरवर का 10 साल का पुत्र अनवर 23 जुलाई 2002 के दिन खेल रहा था. इसी बीच पुलिस की जीप से टक्कर लगने की वजह से उसकी मौत हो गई थी. इसको लेकर पीड़ित परिवार 2002 से अब तक क्षतिपूर्ति के लिए भटकता रहा. आखिरकार पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली. इस पर पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स के खिलाफ फैसला सुनाया गया है.
क्षतिपूर्ति की धनराशि जमा करने के लिए पुलिस विभाग को जिम्मेदार बताते हुए अनुपालन करने को कहा गया है. पुलिस विभाग ने हाई कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी थी लेकिन हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय के आदेश को बहाल रखते हुए पुलिस विभाग की अपील को खारिज कर दिया था. इसी धनराशि की वसूली के विचाराधीन मामले में संवेदनहीनता और लापरवाही बरती गई थी. इस पर पुलिस अधीक्षक को चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर व्यस्त दर्शाया गया था.
निर्वाचन आयोग से उन्हें कार्यमुक्त करने के लिए कहा था. 27 अप्रैल को मामले में अगली सुनवाई की जाएगी. 14 साल से अधिक समय तक पीड़ित परिवार अपने बेटे की मौत का मुआवजा लेने के लिए भटकता रहा. न्यायालय की चौखट पर न्याय की गुहार लगाता रहा लेकिन पुलिस अधीक्षक संवेदनहीन बने रहे. आखिरकार न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश कर दिया है. इससे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.