सुल्तानपुरः जनपद में एक परिवार ने बच्चे को बचाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (spinal muscular atrophy) यानि एसएमए टाइप 1 नाम की इस गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चे के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपए के इंजेक्शन की जरूरत है. कुछ ही महीनों में अगर इंजेक्शन नहीं लगा तो बच्चे की मौत हो जाएगी. लिहाजा बच्चे के मां बाप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इलाज के लिए गुहार लगा रहे हैं.
बता दें कि नगर कोतवाली के सौरमऊ स्थित बैंक कॉलोनी के रहने वाले सुमित कुमार सिंह यूको बैंक में कर्मचारी हैं. इनकी पत्नी अंकिता सिंह गृहणी हैं. सुमित के एक 5 साल की बेटी और 8 माह का एक बेटा अनमय है. बेटा अनमय करीब 3 माह पहले शारीरिक ग्रोथ में कुछ कमी हुई परिजनों ने उसे डॉक्टर को दिखाया. सुल्तानपुर से लखनऊ तक डॉक्टरों के दिखाने पर जब आराम न मिला तो इन लोगों ने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के बाद अब एम्स जैसे अस्पतालों में दिखाया.
जहां डॉक्टरों ने बताया कि अनमय को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानि SMA टाइप वन नाम की बीमारी हो चुकी है. ये बीमारी करोड़ों बच्चों में एक बच्चे को ही होती है. इस बीमारी के लक्षण मात्र 6 माह में ही दिखने लगते हैं. इसके बाद दो साल के भीतर ही बच्चों की मौत हो जाती है. इस बीमारी में एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है. डॉक्टरों ने बताया कि अगर ये इंजेक्शन बच्चे को लग जायेगा तो उसे नया जीवन मिल जाएगा.
जिसके बाद बैंक में कर्मचारी सुमित ने रिश्तेदार और करीबियों के जरिए 18 लाख रुपये एकत्र किए. इसके बाद परिजनों ने प्रशासन से लेकर शासन तक मदद की गुहार लगा रहे हैं. परिजन कई स्वयं सेवी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों से अनुरोध कर बच्चे को बचाने की मदद मांग रहे हैं.
इस मामले में बच्चे की मां अंकिता सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध कर रहे हैं कि मेरे बच्चे के लिए यह इंजेक्शन लगवा दें. मैं आर्थिक और सामाजिक रुप से इंजेक्शन का बोझ सहन करने में सक्षम नहीं हूं. इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रूपये है. जो हमारी पहुंच से बहुत दूर है
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि इंजेक्शन भारत में मिलेगा ही नहीं. ये इंजेक्शन किसी दूसरे देश से ही मंगाया जाएगा. इस मामले में भारत सरकार ही मदद कर सकती है. उन्होंने कहा कि मेरी शुभकामनाएं बच्चे के साथ है.
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सार फाउंडेशन (Chairman Saar Foundation) की चेयरमैन मल्लिका राजपूत ने कहा कि यह इसी परिवार की समस्या नहीं है. ये कल हमारी भी समस्या हो सकती है. इस मामले में समाज के सभी लोगों को एकजुट होकर आगे आने की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह आहवान है कि वह इस बच्चे के जीवन के लिए मदद करें.