सुलतानपुर: नगर पालिका बोर्ड की बैठक में लेखन हस्तक्षेप को मुद्दा बनाते हुए प्रशासन ने स्वायत्त संस्था पालिका के कार्य में एक बार फिर दखलंदाजी की है. एसडीएम ने प्रभारी अधिशासी अधिकारी के अधिकार के तहत बोर्ड बैठक में लेखन हस्तक्षेप को अपराध माना है. प्रशासनिक आदेश पर नगर कोतवाली में लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं नगर पालिका चेयरमैन ने इसका खंडन करते हुए छेड़छाड़ नहीं होने की बात कही है.
नगर पालिका बोर्ड की बैठक में बोर्ड की तरफ से कार्रवाई रजिस्टर तैयार किया जाता है. जिसमें सभासद चेयरमैन समेत उपस्थित लोगों के विचार-विमर्श और उठाए गए मुद्दों को दर्ज किया जाता है.
लिपिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जून माह की हुई इस बैठक में इस बार कार्रवाई रजिस्टर में लेखन करने का निर्देश अपर जिलाधिकारी प्रशासन की तरफ से दिया गया. जिसके अनुपालन में लिपिक की ओर से सीधा लेखन किया गया. जिसमें त्रुटि को संज्ञान में लेते हुए प्रभारी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी व एसडीएम सदर ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. आदेश के अनुपालन में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. वरिष्ठ लिपिक सुभाष चंद्र के खिलाफ एफआईआर पंजीकृत कर ली गई है.
क्षेत्राधिकारी ने दी जानकारी
क्षेत्राधिकारी नगर सतीश चंद्र शुक्ला ने बताया कि नगर पालिका के प्रभारी अधिशासी अधिकारी के आदेश पर नगर कोतवाली में मुकदमा लिपि के खिलाफ दर्ज किया गया है. कार्रवाई रजिस्टर में छेड़छाड़ का आरोप लगा है, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है.
वहीं नगर पालिका चेयरमैन बबिता जायसवाल ने कहा कि ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं. नगर पालिका के कार्रवाई रजिस्टर में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है.