सुलतानपुर: जिले का बेसिक शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है. सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी के साक्षात्कार के सौदागर के प्रकरण की आग अभी थमी नहीं थी कि शुक्रवार को दूसरा मुन्ना भाई पकड़ा गया है. शिक्षकों ने उसे नगर कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया. घटना को लेकर बीएसए ऑफिस में अफरा-तफरी का माहौल है.
बेसिक शिक्षा कार्यालय में शुक्रवार शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब शिक्षक संगठन के नेताओं ने नगर कोतवाली पुलिस को दलाल के पकड़े जाने की सूचना दी. वित्त एवं लेखा अधिकारी अमित मोहन मिश्रा के कार्यालय के बाहर सरकारी प्रतिष्ठान में एरियर के भुगतान को लेकर वहां सौदेबाजी कर रहा था. पकड़े गए दलाल की पहचान गोपाल यादव निवासी थाना कोतवाली नगर के रूप में हुई. शिक्षक नेताओं की सूचना पर उसे नगर कोतवाली भेजा गया.
इससे पूर्व सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी रामयश यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक के आदेश पर दर्ज हुआ था. उन्हें सहकारी समिति एवं पंचायत विभाग वापस भेजने के लिए बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने पत्र भी लिखा हुआ है. मुख्य विकास अधिकारी ने मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र शासन को भी भेजा है. दूसरे मुन्नाभाई के रूप में दलाल पकड़े जाने के मामले ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया.
प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष दिलीप पांडे ने कहा कि लेखाधिकारी अमित मोहन मिश्रा के कार्यालय के बाहर एरियर भुगतान को लेकर यह सौदेबाजी कर रहा था. इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद इसे पकड़कर नगर कोतवाली पुलिस के हवाले किया गया. तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है.
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बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने कहा कि 25 से 30 शिक्षक माह के अंत में यहां रहते हैं. इसलिए मुझे लगा कि शिक्षकों का जमावड़ा है. मीडिया के जरिए दलाल पकड़े जाने की सूचना मिली है. इस प्रकरण में जानकारी की जा रही है. वित्त नियंत्रक को पत्र लिखा जाएगा. सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी के प्रकरण को लेकर आप लोग परिचित ही हैं.