सुलतानपुर: ब्लॉक प्रमुख पद के लिए बीजेपी के टिकट वितरण में हुआ पक्षपात खुलकर सामने आ गया है. बीजेपी कार्यकर्ता की निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में हुई जीत के बाद संगठन बैकफुट पर आ गया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संगठन मंत्री शंकर गिरी ने इसे दो भाइयों के बीच लड़ाई बताया. उन्होंने जल्द घर वापसी कराने की बात कही. इससे बीजेपी की अंतर्कलह उजागर हो गई है.
भारतीय जनता पार्टी ने सुलतानपुर के लंभुआ ब्लॉक प्रमुख के उम्मीदवार के तौर पर उर्मिला सिंह को उतारा था. टिकट न मिलने पर भाजपा कार्यकर्ता कुंवर बहादुर सिंह बागी हो गए थे और निर्दलीय रूप में दावेदारी ठोकी थी. लंबी कशमकश के बाद वह चुनाव जीत गए. बीजेपी विधायक देवमणि दुबे पर भी पार्टी के दावेदार से बगावत करने का आरोप मढ़ा गया. फिलहाल जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ता कुंवर बहादुर सिंह की तरफ से पार्टी का झंडा उठाए जाने पर पदाधिकारी जिल्लत झेल रहे हैं. रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश संगठन मंत्री ने बागी हुए भाजपा कार्यकर्ता की घर वापसी कराने की बात भी कही है.
गौरतलब है कि जनपद लंभुआ ब्लाॅक प्रमुख सीट पर हार जीत को लेकर अजीब स्थिति पैदा हो गई थी. यहां भारतीय जनता पार्टी की उर्मिला सिंह की निर्दल उम्मीदवार से कांटे की टक्कर हुई थी, लेकिन निर्दल उम्मीदवार कुंवर बहादुर सिंह के सिर पर जीत का सेहरा बंधा था. हालांकि जीत के बाद उन्होंने खुद को भाजपाई बता डाला. कहा, 'मैं भाजपाई था और भाजपाई ही हूं'. ऐसे में हर आदमी यही कहते सुना गया था कि लंभुआ ब्लाॅक प्रमुख सीट भाजपा ही हारी और भाजपा ही जीती.
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश संगठन मंत्री शंकर गिरी ने कहा कि एक हमारा ही कार्यकर्ता नाराज होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था और जीता भी. बीजेपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने संगठन को बड़ी जीत दिलाई है. यह दो भाइयों के बीच लड़ाई थी. नाराज नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख को वापस पार्टी में शामिल किया जाएगा. बीजेपी विधायक की पैरवी पर संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता कर यह प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी.
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