सुलतानपुरः जिले में खंड विकास अधिकारी (Block Development Officer) पर कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए गुरुवार को ग्राम प्रधान सड़क पर उतर आए हैं. इसके बाद ब्लॉक मुख्यालय के सामने प्रधान ने अनशन शुरू कर दिया है. खंड विकास अधिकारी को हटाने की मांग करते हुए ग्राम प्रधान संघ ने आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. प्रधानों का कहना है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में भी बीडीओ कमीशन मांग रहे हैं.
प्रधान संघ अध्यक्ष नरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि नए खंड विकास अधिकारी संदीप सिंह किसी की नहीं सुन रहे हैं. प्रधानों के साथ वार्ता नहीं कर रहे हैं. इस बात को लेकर लंबे समय से प्रधान और खंड विकास अधिकारी दुबेपुर संदीप सिंह के बीच विवाद चला आ रहा है. ऐसे में कमीशनखोरी के चलते हम लोग बेमियादी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि बुधवार की देर शाम रामनगर बनकट के प्रधान संजीव शर्मा और कटावा गांव के प्रधान रिंकू सिंह और अलहदादपुर ग्राम प्रधान आदर्श पांडे के खिलाफ कोतवाली देहात थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुकदमे में प्रधानों पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए कार्यालय का कंप्यूटर गिराकर और सरकारी कार्य बाधा डालने का आरोप लगाया गया है. जिसमें वादी खंड विकास अधिकारी के अकाउंटेंट ओम शंकर पांडे को बनाया गया है.
तीनों प्रधानों पर गाली गलौज करने और जान से मार डालने की धमकी देने का भी मुकदमा दर्ज किया गया है. प्रधानों पर धारा 427 के तहत यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने खंड विकास कार्यालय में अराजकता की स्थिति उत्पन्न कर दी.
गौरतलब है कि लंबे समय से कमीशनखोरी के मुद्दे के चलते प्रधान और खंड विकास अधिकारी संदीप सिंह आमने-सामने भी चल रहे थे. प्रदर्शन के दौरान विकास खंड अधिकारियों में हलचल भी देखी गई. मामले को खतना करने के लिए वार्ता का दौर भी भीतर से शुरू किया गया है. हालांकि दुबेपुर ब्लॉक मुख्यालय के साथ ही जिले भर के प्रधान इस मुद्दे को लेकर लामबंद होने लगे हैं.
कटावा गांव के प्रधान रिंकू सिंह का आरोप है कि बीडीओ द्वारा लंबे समय से 7 से 8% कमीशन मांगा जा रहा था. ऐसा नहीं किए जाने पर कंप्यूटर तोड़कर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है. खंड विकास अधिकारी की मनमानी के खिलाफ हम लोग आंदोलन शुरू किया है.
वहीं, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने कहा कि पूरे मामले में जांच की जा रही है. जो दोषी होगा, उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही सुनिश्चित भी की जाएगी. प्रधानों पर यदि गलत मुकदमा दर्ज हुआ है तो इस मामले में जांच कर हस्तक्षेप कर विवाद का समाधान कराया जाएगा.
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