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सुलतानपुर: कपड़ा कारोबार बंदकर शुरू किया मास्क उत्पादन - mask production in sultanpur

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में लोगों को कोरोना संकट से बचाने के लिए एक कपड़ा कारोबारी सामने आया है. उसने अपना कपड़े का कारोबार बंद कर लोगों की मदद के लिए मास्क बनाना शुरू कर दिया है.

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गरीबों की मदद के लिए बनाए जा रहे मास्क.
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Published : Apr 20, 2020, 5:28 PM IST

सुलतानपुर: जिले में एक कारोबारी ने मानवता की मिसाल पेश की है. जहां पूरा देश एक तरफ कोरोना के संकट से जुझ रहा है तो वहीं गरीबों और मजबूर लोगों के लिए कपड़ा कारोबारी ने कदम उठाया है. उसने अपना कपड़ा कारोबार बंद कर मास्क बनाना शुरू किया है. वहीं मेडिकल व्यापारियों को रियायती दरों पर यह मास्क मुहैया कराए जा रहे हैं और गरीब परिवारों को मुफ्त वितरण भी किया जा रहा है.

गरीबों की मदद के लिए बनाए जा रहे मास्क.

गरीबों की मदद के लिए बनाए जा रहे मास्क
शहर के गभडिया मोहल्ले में कपड़ा तैयार करने का एक कारखाना है, जहां मोहम्मद रिजवान नाम के एक व्यक्ति हैं, जिनकी निगरानी में कारीगर कपड़े तैयार करते हैं. कपड़ा कारोबारी ने कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए अब यहां कपड़ा कारोबार का काम बंदकर मास्क तैयार कराने का काम शुरू कर दिया है.

ईटीवी भारत से बोले कपड़ा कारोबारी
हम लोगों ने आंधी तूफान देखे थे, तेज बारिश और बाढ़ भी झेला था लेकिन कभी ऐसी महामारी नहीं देखी थी. नागरिकों को बचाने के लिए कपड़े कारखाने को बंदकर हम यहां मास्क को तैयार करने का काम कर रहे हैं.

मास्क बनाने में 9 रुपए का आता है खर्च
कारखाना संचालक मोहम्मद रिजवान का कहना है कि एक मास्क को तैयार करने में लगभग 9 रुपए का खर्च आता है. एसएस गारमेंट के नाम से अब तक यह कारखाना चल रहा था. अब यहां मास्क तैयार किया जा रहा है. आज हिंदुस्तान और सुलतानपुर जिले को मास्क की बहुत आवश्यकता है, जिसे देखते हुए हमने कपड़ा फैक्ट्री बंदकर मास्क तैयार करने का कार्य शुरू किया है.

लॉकडाउन तक बांटे जाएंगे मास्क
अब तक 75 से 78 हजार मास्क वितरित कराए जा चुके हैं. जब तक लॉकडाउन चलेगा तब तक हम मास्क का वितरण करते रहेंगे. ग्रामीण क्षेत्र में अति निर्धन और गरीब परिवारों के बीच इन मास्कों का वितरण कराया जा रहा है.

सुलतानपुर: जिले में एक कारोबारी ने मानवता की मिसाल पेश की है. जहां पूरा देश एक तरफ कोरोना के संकट से जुझ रहा है तो वहीं गरीबों और मजबूर लोगों के लिए कपड़ा कारोबारी ने कदम उठाया है. उसने अपना कपड़ा कारोबार बंद कर मास्क बनाना शुरू किया है. वहीं मेडिकल व्यापारियों को रियायती दरों पर यह मास्क मुहैया कराए जा रहे हैं और गरीब परिवारों को मुफ्त वितरण भी किया जा रहा है.

गरीबों की मदद के लिए बनाए जा रहे मास्क.

गरीबों की मदद के लिए बनाए जा रहे मास्क
शहर के गभडिया मोहल्ले में कपड़ा तैयार करने का एक कारखाना है, जहां मोहम्मद रिजवान नाम के एक व्यक्ति हैं, जिनकी निगरानी में कारीगर कपड़े तैयार करते हैं. कपड़ा कारोबारी ने कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए अब यहां कपड़ा कारोबार का काम बंदकर मास्क तैयार कराने का काम शुरू कर दिया है.

ईटीवी भारत से बोले कपड़ा कारोबारी
हम लोगों ने आंधी तूफान देखे थे, तेज बारिश और बाढ़ भी झेला था लेकिन कभी ऐसी महामारी नहीं देखी थी. नागरिकों को बचाने के लिए कपड़े कारखाने को बंदकर हम यहां मास्क को तैयार करने का काम कर रहे हैं.

मास्क बनाने में 9 रुपए का आता है खर्च
कारखाना संचालक मोहम्मद रिजवान का कहना है कि एक मास्क को तैयार करने में लगभग 9 रुपए का खर्च आता है. एसएस गारमेंट के नाम से अब तक यह कारखाना चल रहा था. अब यहां मास्क तैयार किया जा रहा है. आज हिंदुस्तान और सुलतानपुर जिले को मास्क की बहुत आवश्यकता है, जिसे देखते हुए हमने कपड़ा फैक्ट्री बंदकर मास्क तैयार करने का कार्य शुरू किया है.

लॉकडाउन तक बांटे जाएंगे मास्क
अब तक 75 से 78 हजार मास्क वितरित कराए जा चुके हैं. जब तक लॉकडाउन चलेगा तब तक हम मास्क का वितरण करते रहेंगे. ग्रामीण क्षेत्र में अति निर्धन और गरीब परिवारों के बीच इन मास्कों का वितरण कराया जा रहा है.

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