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सोनभद्र: करोड़ों की जमीन पर गलत ढंग से किया गया पट्टा निरस्त

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में आवासीय और कृषि भूमि बताकर वर्ष 1998 में 47 लोगों के नाम पट्टा की गई लोढ़ी स्थित 9.5 हेक्टेयर व्यावसायिक जमीन गुरुवार को ग्रामसभा के नाम दर्ज कर दी गई. प्रशासन ने सभी पट्टे निरस्त करते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

पट्टा निरस्त
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Published : Nov 2, 2019, 12:20 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जनपद के लोढ़ी ग्रामसभा में स्थित करोड़ों रुपये मूल्य की करीब 9.5 हेक्टेयर ग्रामसभा की व्यावसायिक जमीन का गलत ढंग से वर्ष 1998 में आवास व कृषि भूमि बताकर 47 लोगों के नाम पट्टा कर दिया गया था. महत्वपूर्ण बात यह है कि गलत ढंग से पट्टा होने के बाद अलग-अलग न्यायालयों में केस भी चला.

करोड़ों की जमीन पर गलत ढंग से किया गया पट्टा निरस्त.
इस बीच जब करोड़ों की इस जमीन की हेराफेरी में राजस्वकर्मियों के साथ ही अधिकारियों के नाम दबी जुबान सामने आने लगे, तो प्रशासन ने बृहस्पतिवार को आनन-फानन में सारे पट्टे निरस्त कराकर जमीन ग्रामसभा के नाम पर वापस कर दी.

जमीन घोटाला

  • वर्ष 1998-99 में ग्रामसभा लोढ़ी में स्थित लगभग 9.5 हेक्टेयर भूमि को 47 अपात्र लोगों के नाम पर पट्टा कर दिया गया था.
  • ग्रामसभा की जमीन को पट्टा करने का नियम है कि उस गांव के रहने वाले भूमिहीन और आवास विहीन हो ऐसे लोगों को ही जमीन पट्टा की जाती है.
  • वहीं पट्टा करने के लगभग 2 से 3 साल बाद यह मामला संज्ञान में आया.
  • मामला पहली बार तब सामने आया जब 2001 में इन जमीनों को लेकर मुकदमेबाजी शुरू हुई.
  • जब इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया तो आनन-फानन प्रशासन ने सभी 47 पट्टे निरस्त कर दिए और जमीन ग्रामसमाज के नाम दर्ज करा दी.

इसे भी पढ़ें - छठ पूजा: आज है खरना, तैयारी में जुटे छठव्रती

1998-99 के दौरान जमीन का पट्टा किया गया, जिसमें न्यायालय प्रक्रिया में विधिक न पाए जाने पर पट्टे निरस्त कर दिए गए. कुल 47 लोगों का जमीन का पट्टा निरस्त कर दिया गया है. वहीं दो सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच कराई जा रही है, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-योगेंद्र बहादुर सिंह, अपर जिलाधिकारी

सोनभद्र: जनपद के लोढ़ी ग्रामसभा में स्थित करोड़ों रुपये मूल्य की करीब 9.5 हेक्टेयर ग्रामसभा की व्यावसायिक जमीन का गलत ढंग से वर्ष 1998 में आवास व कृषि भूमि बताकर 47 लोगों के नाम पट्टा कर दिया गया था. महत्वपूर्ण बात यह है कि गलत ढंग से पट्टा होने के बाद अलग-अलग न्यायालयों में केस भी चला.

करोड़ों की जमीन पर गलत ढंग से किया गया पट्टा निरस्त.
इस बीच जब करोड़ों की इस जमीन की हेराफेरी में राजस्वकर्मियों के साथ ही अधिकारियों के नाम दबी जुबान सामने आने लगे, तो प्रशासन ने बृहस्पतिवार को आनन-फानन में सारे पट्टे निरस्त कराकर जमीन ग्रामसभा के नाम पर वापस कर दी.

जमीन घोटाला

  • वर्ष 1998-99 में ग्रामसभा लोढ़ी में स्थित लगभग 9.5 हेक्टेयर भूमि को 47 अपात्र लोगों के नाम पर पट्टा कर दिया गया था.
  • ग्रामसभा की जमीन को पट्टा करने का नियम है कि उस गांव के रहने वाले भूमिहीन और आवास विहीन हो ऐसे लोगों को ही जमीन पट्टा की जाती है.
  • वहीं पट्टा करने के लगभग 2 से 3 साल बाद यह मामला संज्ञान में आया.
  • मामला पहली बार तब सामने आया जब 2001 में इन जमीनों को लेकर मुकदमेबाजी शुरू हुई.
  • जब इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया तो आनन-फानन प्रशासन ने सभी 47 पट्टे निरस्त कर दिए और जमीन ग्रामसमाज के नाम दर्ज करा दी.

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1998-99 के दौरान जमीन का पट्टा किया गया, जिसमें न्यायालय प्रक्रिया में विधिक न पाए जाने पर पट्टे निरस्त कर दिए गए. कुल 47 लोगों का जमीन का पट्टा निरस्त कर दिया गया है. वहीं दो सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच कराई जा रही है, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-योगेंद्र बहादुर सिंह, अपर जिलाधिकारी

Intro:anchor... जनपद सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विकासखंड के लोढ़ी ग्राम में वर्ष 1998-99 में कुछ ग्रामीणों को पट्टे दिए गए थे जिसको अयोग्य पाए जाने पर जिला प्रशासन की तरफ से निरस्त कर दिया गया था कुल 47 लोगों के पट्टों को प्रशासन की तरफ से निरस्त किया गया है वहीं इस मामले में 2 सदस्य जांच टीम गठित कर दी गई है जो जांच कर आख्या जिला प्रशासन को सौंपी गई इसके बाद जो भी दोषी है उसके खिलाफ जिला प्रशासन की तरफ से कार्यवाही की जाएगी


Body:vo.. वर्ष 1998- 99 में ग्रामसभा लोहड़ी में स्थित लगभग 9 पॉइंट 5 भूमि को 47 अपात्र लोगों के नाम पर पट्टा कर दिया गया था जबकि ग्राम सभा की जमीन को पट्टा करने का नियम है कि जो लोग उस गांव के रहने वाले हो और भूमिहीन व आवास विहीन हो ऐसे लोगों को ही जमीन पट्टा की जाती है वही पट्टा करने के लगभग 2 से 3 साल बाद यह मामला संज्ञान में आया जिसके बाद इसमें मुकदमे बाजी भी हुई हालांकि काफी दिनों तक मामला शिथिल चलता रहा सूत्रों के हवाले पता चला है कि उम्भा गोली कांड के बाद से प्रशासन जमीन के मामले को लेकर ज्यादा सतर्कता बर्तन शुरू किया जिसके बाद प्रशासन की तरफ से 45 लोगों के पट्टे निरस्त कर दिए गए और लगभग 9.5 हेक्टेयर जमीन लोढ़ी ग्राम सभा के नाम दर्ज करा दी गई और प्रशासन की तरफ से दो सदस्यीय जांच टीम नामित कर दी गई है जो कि इस मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगी इस टीम में सदर तहसीलदार और नायब तहसीलदार को रखा गया है जो कि इसकी विस्तृत जांच करेंगे


Conclusion:vo.. वह इस मामले में अपर जिला अधिकारी का कहना है कि 1998- 99 के दौरान जमीन का पट्टा किया गया जिसमें न्यायालय प्रक्रिया में विधिक ना पाए जाने पर पट्टे निरस्त कर दिए गए कुल 47 लोगों के जमीन का पट्टा निरस्त कर दिया गया है वहीं दूसरी जांच टीम गठित कर जांच कराई जा रही है जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी

byte योगेंद्र बहादुर सिंह अपर जिलाधिकारी सोनभद्र
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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