सोनभद्र: जनपद के लोढ़ी ग्रामसभा में स्थित करोड़ों रुपये मूल्य की करीब 9.5 हेक्टेयर ग्रामसभा की व्यावसायिक जमीन का गलत ढंग से वर्ष 1998 में आवास व कृषि भूमि बताकर 47 लोगों के नाम पट्टा कर दिया गया था. महत्वपूर्ण बात यह है कि गलत ढंग से पट्टा होने के बाद अलग-अलग न्यायालयों में केस भी चला.
जमीन घोटाला
- वर्ष 1998-99 में ग्रामसभा लोढ़ी में स्थित लगभग 9.5 हेक्टेयर भूमि को 47 अपात्र लोगों के नाम पर पट्टा कर दिया गया था.
- ग्रामसभा की जमीन को पट्टा करने का नियम है कि उस गांव के रहने वाले भूमिहीन और आवास विहीन हो ऐसे लोगों को ही जमीन पट्टा की जाती है.
- वहीं पट्टा करने के लगभग 2 से 3 साल बाद यह मामला संज्ञान में आया.
- मामला पहली बार तब सामने आया जब 2001 में इन जमीनों को लेकर मुकदमेबाजी शुरू हुई.
- जब इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया तो आनन-फानन प्रशासन ने सभी 47 पट्टे निरस्त कर दिए और जमीन ग्रामसमाज के नाम दर्ज करा दी.
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1998-99 के दौरान जमीन का पट्टा किया गया, जिसमें न्यायालय प्रक्रिया में विधिक न पाए जाने पर पट्टे निरस्त कर दिए गए. कुल 47 लोगों का जमीन का पट्टा निरस्त कर दिया गया है. वहीं दो सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच कराई जा रही है, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-योगेंद्र बहादुर सिंह, अपर जिलाधिकारी