सोनभद्र: जिले में रविवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष और पदाधिकारियों द्वारा सदर विधायक के जिला कार्यालय पर प्रेरणा ऐप के विरोध में प्रदर्शन किया गया. 22 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें अध्यक्ष द्वारा सदर विधायक से प्रेरणा ऐप को लागू ना करने की मांग की गयी.
शिक्षकों का प्ररेणा ऐप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
अध्यापकों ने सदर विधायक के माध्यम से प्रदेश सरकार से प्रेरणा ऐप को हटाने की मांग की. दरअसल सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति प्रेरणा ऐप के माध्यम से कराना सुनिश्चित किया है. शिक्षकों का कहना है कि इस ऐप के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग व सरकार द्वारा शिक्षकों के कार्य पर सवालिया निशान खड़ा किया जा रहा है.
प्ररेणा ऐप में डाटा सुरक्षित नहीं
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि प्रेरणा ऐप के माध्यम से जो भी डाटा शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा दिया जाएगा, वह पूर्ण रुप से सुरक्षित नहीं है. इस ऐप के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति लेना निजता का हनन है. प्रदेश का शिक्षक कोई शातिर अपराधी नही हैं. जिसकी मॉनिटरिंग ऐप के माध्यम से की जाएगी. अगर सरकार हमारी बातों को नहीं मानती है तो इस ऐप के खिलाफ हम लोग सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे.
प्रदर्शन के दौरान योगेश पांडेय जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रेरणा ऐप के विरोध में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके विरोध में सात से 14 सितंबर तक जन प्रतिनिधियों से मिलकर ज्ञापन देने हैं. इसके माध्यम से सरकार अध्यापकों पर निगरानी रखना चाहती है. क्या अध्यापक अपराधी है.
-योगेश पांडेय, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ,सोनभद्रवही सदर विधायक ने ज्ञापन लेने के बाद बताया कि 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री द्वारा प्रेरणा ऐप को लांच किया गया. इसमें तमाम अध्यापकों को सम्मानित किया गया है . यह प्रदेश सरकार की बहुत अनोखी पहल है, इसका विरोध वही शिक्षक कर रहे हैं जिनको पठन- पाठन से मतलब नहीं है. आज ज्ञापन मिला है जिसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. कुछ सुधार करने की अध्यापकों की मांग है उसपर बैठ कर रास्ता निकाला जाएगा.
-भूपेश चौबे, सदर विधायक, राबर्ट्सगंज