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सोनभद्र: सदर विधायक का बयान, 'प्रेरणा ऐप का वही शिक्षक कर रहे विरोध, जिनको पढ़ाई लिखाई से नहीं मतलब'

यूपी के सोनभद्र जिले में प्रेरणा ऐप का सभी शैक्षणिक संगठनों द्वारा पुरजोर विरोध किया गया. उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष के नेतृत्व में सदर विधायक को प्रेरणा ऐप समेत 22 बिन्दुओं पर एक ज्ञापन सौंपा गया.

सदर विधायक को ज्ञापन देते प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी.
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Published : Sep 8, 2019, 7:25 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जिले में रविवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष और पदाधिकारियों द्वारा सदर विधायक के जिला कार्यालय पर प्रेरणा ऐप के विरोध में प्रदर्शन किया गया. 22 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें अध्यक्ष द्वारा सदर विधायक से प्रेरणा ऐप को लागू ना करने की मांग की गयी.

प्रेरणा ऐप के विरोध में ज्ञापन देते प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी.

शिक्षकों का प्ररेणा ऐप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

अध्यापकों ने सदर विधायक के माध्यम से प्रदेश सरकार से प्रेरणा ऐप को हटाने की मांग की. दरअसल सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति प्रेरणा ऐप के माध्यम से कराना सुनिश्चित किया है. शिक्षकों का कहना है कि इस ऐप के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग व सरकार द्वारा शिक्षकों के कार्य पर सवालिया निशान खड़ा किया जा रहा है.

प्ररेणा ऐप में डाटा सुरक्षित नहीं

प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि प्रेरणा ऐप के माध्यम से जो भी डाटा शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा दिया जाएगा, वह पूर्ण रुप से सुरक्षित नहीं है. इस ऐप के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति लेना निजता का हनन है. प्रदेश का शिक्षक कोई शातिर अपराधी नही हैं. जिसकी मॉनिटरिंग ऐप के माध्यम से की जाएगी. अगर सरकार हमारी बातों को नहीं मानती है तो इस ऐप के खिलाफ हम लोग सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे.

प्रदर्शन के दौरान योगेश पांडेय जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रेरणा ऐप के विरोध में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके विरोध में सात से 14 सितंबर तक जन प्रतिनिधियों से मिलकर ज्ञापन देने हैं. इसके माध्यम से सरकार अध्यापकों पर निगरानी रखना चाहती है. क्या अध्यापक अपराधी है.
-योगेश पांडेय, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ,सोनभद्र

वही सदर विधायक ने ज्ञापन लेने के बाद बताया कि 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री द्वारा प्रेरणा ऐप को लांच किया गया. इसमें तमाम अध्यापकों को सम्मानित किया गया है . यह प्रदेश सरकार की बहुत अनोखी पहल है, इसका विरोध वही शिक्षक कर रहे हैं जिनको पठन- पाठन से मतलब नहीं है. आज ज्ञापन मिला है जिसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. कुछ सुधार करने की अध्यापकों की मांग है उसपर बैठ कर रास्ता निकाला जाएगा.
-भूपेश चौबे, सदर विधायक, राबर्ट्सगंज

सोनभद्र: जिले में रविवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष और पदाधिकारियों द्वारा सदर विधायक के जिला कार्यालय पर प्रेरणा ऐप के विरोध में प्रदर्शन किया गया. 22 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें अध्यक्ष द्वारा सदर विधायक से प्रेरणा ऐप को लागू ना करने की मांग की गयी.

प्रेरणा ऐप के विरोध में ज्ञापन देते प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी.

शिक्षकों का प्ररेणा ऐप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

अध्यापकों ने सदर विधायक के माध्यम से प्रदेश सरकार से प्रेरणा ऐप को हटाने की मांग की. दरअसल सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति प्रेरणा ऐप के माध्यम से कराना सुनिश्चित किया है. शिक्षकों का कहना है कि इस ऐप के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग व सरकार द्वारा शिक्षकों के कार्य पर सवालिया निशान खड़ा किया जा रहा है.

प्ररेणा ऐप में डाटा सुरक्षित नहीं

प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि प्रेरणा ऐप के माध्यम से जो भी डाटा शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा दिया जाएगा, वह पूर्ण रुप से सुरक्षित नहीं है. इस ऐप के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति लेना निजता का हनन है. प्रदेश का शिक्षक कोई शातिर अपराधी नही हैं. जिसकी मॉनिटरिंग ऐप के माध्यम से की जाएगी. अगर सरकार हमारी बातों को नहीं मानती है तो इस ऐप के खिलाफ हम लोग सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे.

प्रदर्शन के दौरान योगेश पांडेय जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रेरणा ऐप के विरोध में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके विरोध में सात से 14 सितंबर तक जन प्रतिनिधियों से मिलकर ज्ञापन देने हैं. इसके माध्यम से सरकार अध्यापकों पर निगरानी रखना चाहती है. क्या अध्यापक अपराधी है.
-योगेश पांडेय, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ,सोनभद्र

वही सदर विधायक ने ज्ञापन लेने के बाद बताया कि 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री द्वारा प्रेरणा ऐप को लांच किया गया. इसमें तमाम अध्यापकों को सम्मानित किया गया है . यह प्रदेश सरकार की बहुत अनोखी पहल है, इसका विरोध वही शिक्षक कर रहे हैं जिनको पठन- पाठन से मतलब नहीं है. आज ज्ञापन मिला है जिसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. कुछ सुधार करने की अध्यापकों की मांग है उसपर बैठ कर रास्ता निकाला जाएगा.
-भूपेश चौबे, सदर विधायक, राबर्ट्सगंज

Intro:Anchor- सूबे की सरकार द्वारा अध्यापकों पर निगरानी रखने के लिए 5 जून को प्रेरणा ऐप लागू कर दिया गया।जिसके बाद प्रदेश के सभी शैक्षणिक संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है।इसी क्रम में रविवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष योगेश पांडेय के नेतृत्व में सदर विधायक को प्रेरणा एप समेत 22 विन्दुओ पर एक ज्ञापन सौंपा गया।इस दौरान प्राथमिक शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने सदर विधायक से प्रेरणा ऐप तत्काल बन्द कराने की मांग किया। अध्यापकों ने सदर विधायक के माध्यम से प्रदेश सरकार से मांग किया कि सरकार बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति प्रेरणा ऐप के माध्यम से कराना सुनिश्चित किया है, इस ऐप के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग व सरकार द्वारा शिक्षकों के कार्य पर सवालिया निशान खड़ा किया जा रहा है। इस ऐप के माध्यम से जो भी डांटा शिक्षक/ शिक्षिकाओं द्वारा दिया जाएगा, वह पूर्णतया सुरक्षित नहीं है ।प्रेरणा ऐप के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों की उपस्थिति लेना पूर्णतया अव्यवहारिक एवं प्रदेश में शिक्षकों के निजता का हनन है।प्रदेश का शिक्षक कोई शातिर अपराधी नही है, जिसकी मॉनिटरिंग ऐप के माध्यम से की जाएगी। अगर सरकार हमारी बातों को नहीं मानती है तो इस ऐप के खिलाफ हम लोग सुप्रीम कोर्ट का भी था दरवाजा खटखटाने को मजबूर होगे।


Body:Vo1- आज उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष योगेश पांडेय के नेतृत्व में जनपद के पदाधिकारियों द्वारा सदर विधायक भूपेश चौबे के जिला कार्यालय पर प्रेरणा ऐप के विरोध समेत 22 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा गया।जिसमें अध्यक्ष द्वारा सदर विधायक से प्रेरणा ऐप को लागू ना करने की मांग किया गया। इस दौरान जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रेरणा ऐप के विरोध में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है।जिसके कर। में 7 से 14 सितंबर तक जन प्रतिनिधियों से मिलकर ज्ञापन देने है।प्रेरणा ऐप के माध्यम से सरकार अध्यापकों पर निगरानी रखना चाहती है तो क्या अध्यापक अपराधी है।वही सदर विधायक द्वारा यह कहना की प्रेरणा ऐप का वही शिक्षक विरोध कर रहे है जिनको पठन-पाठन से मतलब नही है,यह निराधार है।वही अध्यापक पढ़ाने नही जाते जो अधिकारियों से मिले है या संरक्षण प्राप्त है।


Byte-योगेश पांडेय(अध्यक्ष,उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ,सोनभद्र)


Conclusion:Vo2- वही सदर विधायक ने ज्ञापन लेने के बाद बताया कि 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री द्वारा प्रेरणा ऐप को लांच किया गया, जिसमें तमाम अध्यापकों को सम्मानित किया गया है ।प्रदेश सरकार की बहुत अनोखी पहल है, इसका विरोध वही शिक्षक कर रहे हैं जिनको पठन- पाठन से मतलब नहीं है। जो नियमित रूप से विद्यालय जाते है उनके द्वारा कोई विरोध नही किया जा रहा है।आज ज्ञापन मिला है जिसे मुख्यमंत्री तक पहुचाने का काम किया जाएगा,कुछ सुधार करने की अध्यापकों की मांग है, उसपर बैठ के रास्ता निकाला जाएगा।


Byte-भूपेश चौबे(सदर विधायक,राबर्ट्सगंज, सोनभद्र)



चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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