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आगरा में STF ने दबोचा फर्जी फौजी, 20 हजार रुपये में बना रहा था आर्मी कैंटीन का अवैध कार्ड

ARMY FAKE SOLDIER :ठगी और रेप के मामले में जा चुका है जेल. सेना की इंटेलिजेंस भी कर रही पूछताछ.

एसटीएफ ने जांच के बाद आरोपी को दबोच लिया.
एसटीएफ ने जांच के बाद आरोपी को दबोच लिया. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2024, 1:16 PM IST

आगरा : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की आगरा यूनिट ने शनिवार रात फर्जी सैनिक आश्रित कार्ड बनाकर ठगी करने वाले फर्जी फौजी को दबोच लिया. आरोपी सेना की वर्दी पहनकर सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र में भी घुस जाता था. पूछताछ में पता चला कि आरोपी के खिलाफ पहले से ही दुष्कर्म और ठगी के मुकदमे दर्ज हैं. अब इस मामले में सदर थाने में मुकदमा लिखा गया है. सेना की इंटेलिजेंस भी आरोपी से पूछताछ कर रही है. आरोपी सैन्य आश्रित लाभ और कैंटीन में नौकरी का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था. कई युवतियां भी उसके संपर्क में थीं.

कई लोगों से ठगी कर चुका है आरोपी. (Video Credit; ETV Bharat)

यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट को सूचना मिली कि कोई युवक लोगों को सेना का फर्जी आश्रित कार्ड बनाकर दे रहा है. इन फर्जी कार्डों के जरिए लोग सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करते हैं. इस पर एसटीएफ ने छानबीन शुरू की.एक संदिग्ध व्यक्ति चिन्हित हुआ.

छानबीन में ऐसे खुला राज : एसटीएफ की आगरा यूनिट में प्रभारी निरीक्षक यतींद्र शर्मा ने बताया कि छानबीन में एक युवक की ओर से दो से तीन हजार में मृतक आश्रित कार्ड, 20 हजार रुपये में कैंटीन कार्ड बनाकर लोगों को देने की पुष्टि हुई. युवक रुपये लेकर मृतक आश्रितों का लाभ दिलाने. प्रतिबंधित क्षेत्र में जाकर काम करने की छूट का लालच देता था. यह सेना की सुरक्षा में बड़ी सेंध है. इस पर फर्जी कार्ड धारकों से पूछताछ की गई. आरोपी की हुलिया का पता लगाकर एसटीएफ तलाश में जुट गई. आरोपी की पहचान मथुरा के फरह थाना क्षेत्र के गांव थिरावली निवासी विक्रम सिंह के रूप में हुई.

दुष्कर्म और ठगी में मामले में जा चुका है जेल : एसटीएफ की आगरा यूनिट में प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी विक्रम सिंह को योजना बनाकर गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ की तो पता चला कि विक्रम सिंह पहले दो बार दुराचार और एक बार ठगी के आरोप में जेल जा चुका है. उसके खिलाफ पहले से मुकदमे हैं. सदर थाना में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. उससे पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली हैं.

एसटीएफ टीम पर रौब गांठा : एसटीएफ ने जब फर्जी फौजी विक्रम सिंह को देखा तो उसे रोक लिया. आरोपी बाइक पर फौजी की ड्रेस में था. उसने पहले एसटीएफ पर खूब रौब दिखाया. जब उसके पास विभिन्न लोगों के कार्ड मिले तो उससे पूछा कि क्या वो कोई आतंकी है. इससे वह सकपका गया. उसने खुद को सरेंडर कर दिया. अब एसटीएफ और सेना की इंटेलिजेंस ये पूछताछ कर रही है कि उसे सेना की कार्यशैली की इतनी जानकारी कैसे थी. कब से ये काम कर रहा है. अब तक कितने लोगों से ठगी कर चुका है.

खुद को बताता था सेना में हवलदार : पुलिस और सेना इंटेलिजेंस की पूछताछ में आरोपी विक्रम सिंह ने खुलासा किया कि लोगों से वह खुद को सेना में हवलदार बताता था. सोशल मीडिया पर सेना की वर्दी में फोटो भी पोस्ट किए थे. सेना का फर्जी आईकार्ड समेत अन्य कार्ड भी उससे बरामद हुए हैं. ठगी का शिकार बनाने के लिए लोगों को आर्मी कैंटीन में काम करने की कहता था. कैंटीन के कार्ड और कैंटीन में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करता था. आरोपी ने बताया कि फौजी बनकर युवती और महिलाओं को अपने जाल में फंसाता था. इसके बाद उनका शारीरिक शोषण करता था. जिसकी वजह से रेप के 2 मुकदमे दर्ज हैं.

यह भी पढ़ें : मकान के लिए महिला ने जीते जी कागजों में सास-ससुर और पति को मार डाला, फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के सहारे किया फर्जीवाड़ा

आगरा : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की आगरा यूनिट ने शनिवार रात फर्जी सैनिक आश्रित कार्ड बनाकर ठगी करने वाले फर्जी फौजी को दबोच लिया. आरोपी सेना की वर्दी पहनकर सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र में भी घुस जाता था. पूछताछ में पता चला कि आरोपी के खिलाफ पहले से ही दुष्कर्म और ठगी के मुकदमे दर्ज हैं. अब इस मामले में सदर थाने में मुकदमा लिखा गया है. सेना की इंटेलिजेंस भी आरोपी से पूछताछ कर रही है. आरोपी सैन्य आश्रित लाभ और कैंटीन में नौकरी का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था. कई युवतियां भी उसके संपर्क में थीं.

कई लोगों से ठगी कर चुका है आरोपी. (Video Credit; ETV Bharat)

यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट को सूचना मिली कि कोई युवक लोगों को सेना का फर्जी आश्रित कार्ड बनाकर दे रहा है. इन फर्जी कार्डों के जरिए लोग सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करते हैं. इस पर एसटीएफ ने छानबीन शुरू की.एक संदिग्ध व्यक्ति चिन्हित हुआ.

छानबीन में ऐसे खुला राज : एसटीएफ की आगरा यूनिट में प्रभारी निरीक्षक यतींद्र शर्मा ने बताया कि छानबीन में एक युवक की ओर से दो से तीन हजार में मृतक आश्रित कार्ड, 20 हजार रुपये में कैंटीन कार्ड बनाकर लोगों को देने की पुष्टि हुई. युवक रुपये लेकर मृतक आश्रितों का लाभ दिलाने. प्रतिबंधित क्षेत्र में जाकर काम करने की छूट का लालच देता था. यह सेना की सुरक्षा में बड़ी सेंध है. इस पर फर्जी कार्ड धारकों से पूछताछ की गई. आरोपी की हुलिया का पता लगाकर एसटीएफ तलाश में जुट गई. आरोपी की पहचान मथुरा के फरह थाना क्षेत्र के गांव थिरावली निवासी विक्रम सिंह के रूप में हुई.

दुष्कर्म और ठगी में मामले में जा चुका है जेल : एसटीएफ की आगरा यूनिट में प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी विक्रम सिंह को योजना बनाकर गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ की तो पता चला कि विक्रम सिंह पहले दो बार दुराचार और एक बार ठगी के आरोप में जेल जा चुका है. उसके खिलाफ पहले से मुकदमे हैं. सदर थाना में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. उससे पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली हैं.

एसटीएफ टीम पर रौब गांठा : एसटीएफ ने जब फर्जी फौजी विक्रम सिंह को देखा तो उसे रोक लिया. आरोपी बाइक पर फौजी की ड्रेस में था. उसने पहले एसटीएफ पर खूब रौब दिखाया. जब उसके पास विभिन्न लोगों के कार्ड मिले तो उससे पूछा कि क्या वो कोई आतंकी है. इससे वह सकपका गया. उसने खुद को सरेंडर कर दिया. अब एसटीएफ और सेना की इंटेलिजेंस ये पूछताछ कर रही है कि उसे सेना की कार्यशैली की इतनी जानकारी कैसे थी. कब से ये काम कर रहा है. अब तक कितने लोगों से ठगी कर चुका है.

खुद को बताता था सेना में हवलदार : पुलिस और सेना इंटेलिजेंस की पूछताछ में आरोपी विक्रम सिंह ने खुलासा किया कि लोगों से वह खुद को सेना में हवलदार बताता था. सोशल मीडिया पर सेना की वर्दी में फोटो भी पोस्ट किए थे. सेना का फर्जी आईकार्ड समेत अन्य कार्ड भी उससे बरामद हुए हैं. ठगी का शिकार बनाने के लिए लोगों को आर्मी कैंटीन में काम करने की कहता था. कैंटीन के कार्ड और कैंटीन में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करता था. आरोपी ने बताया कि फौजी बनकर युवती और महिलाओं को अपने जाल में फंसाता था. इसके बाद उनका शारीरिक शोषण करता था. जिसकी वजह से रेप के 2 मुकदमे दर्ज हैं.

यह भी पढ़ें : मकान के लिए महिला ने जीते जी कागजों में सास-ससुर और पति को मार डाला, फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के सहारे किया फर्जीवाड़ा

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