हैदराबाद: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे. 26 दिसंबर को उनका निधन हो गया. भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता कहे जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सभी के दिलों को झकझोर दिया है. हर कोई सोशल मीडिया के जरिए राजनेता के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है. वहीं, 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' एक्टर अनुपम खेर ने भी उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है.
शुक्रवार को अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है और इसे एक इमोशनल नोट के साथ जोड़ा है. उन्होंने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, 'भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ. फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के लिए एक साल से ज्यादा समय तक उनके बारे में स्टडी किया और उसके बाद, मुझे लगा कि मैंने उनके साथ वाकई इतना समय बिताया है. वे स्वभाव से ही एक अच्छे इंसान थे. व्यक्तिगत रूप से पूरी तरह ईमानदार, महान अर्थशास्त्री और बहुत विनम्र व्यक्ति. कुछ लोग कह सकते हैं कि वे एक चतुर राजनीतिज्ञ नहीं थे. उनके परिवार के प्रति दिल से संवेदनाएं हैं. ओम शांति'.
वीडियो में अनुपम खेर ने भूमिका निभाने में अपनी शुरुआती हिचकिचाहट के बारे में भी बताया, उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने शुरू में डॉ. मनमोहन सिंह की भूमिका निभाने के ऑफर आया तो मैंने इसे मना कर दिया, राजनीतिक कारणों की वजह . मुझे लगा कि अगर मैं ये रोल करूंगा तो लोगों को लगेगा कि शायद मैंने उनका मजाक करने के लिए ये फिल्म की है. कुछ लोगों ने ये बात कही भी. लेकिन अगर मुझे जिंदगी के 3 या 4 किरदार चुनने हो, जो मुझे लगता है कि मैंने सच्चाई के साथ किया है उसमें से एक 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' भी होगा. वह एक बेहतरीन इंसान थे.
अनुमप खेर ने बताया कि फिल्म के लिए डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन और व्यवहार के बारे में स्टडी करने के बाद, उनके मन में उनके लिए सम्मान और बढ़ गया. उन्होंने याद किया कि एक या दो बार वे डॉ. मनमोहन सिंह से मिले थे, जहां मनमोहन सिंह की विनम्रता और फिल्म में खेर के अभिनय की प्रशंसा ने उन पर गहरी छाप छोड़ी. खेर ने कहा, 'वे एक दयालु व्यक्ति थे, नीली पगड़ी वाले व्यक्ति की कमी खलेगी। देश ने एक महान इंसान और एक नेता खो दिया है'.
एम्स ने बताया कि उम्र संबंधी बीमारियों के कारण 92 साल की उम्र में मनमोहन सिंह का निधन हो गया. उन्होंने 2004 से 2014 तक दो बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पहली बार पद की शपथ ली. उन्होंने 2009 से 2014 तक अपना दूसरा कार्यकाल पूरा किया. उसके बाद 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने उनका स्थान लिया.