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सोनभद्र: उम्भा गोलीकांड के पीड़ितों की मांग, सीएम योगी करें अपना वादा पूरा

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Published : Jul 16, 2020, 12:25 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

यूपी में सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में 17 जुलाई 2019 को जमीनी विवाद के चलते जमकर गोलीबारी हुई थी. इस घटना में 11 लोगों की मौत व 27 लोग घायल हुए थे. सीएम योगी ने पीड़ितों को 10 बीघा जमीन देने का वादा किया था, लेकिन वह अभी अधूरा ही है. गांव के पीड़ित अब सीएम योगी द्वारा किया गया वादा पूरा करने की मांग कर रहे हैं.

sonbhadra golikand
सोनभद्र गोलीकांड के पीड़ित.

सोनभद्र: 17 जुलाई 2019 को जमीनी विवाद के चलते सोनभद्र के घोरावल तहसील इलाके के उम्भा गांव में भारी गोलीबारी हुई थी, जिसमें 11 लोगों की मौत और 27 लोग घायल हो गए थे. इस मामले के बाद सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों ने गांव का दौरा किया था और जानकारी भी ली थी. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दौरा किया था और पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर हर संभव मदद दिलाने की बात कही थी.

हालांकि, पीड़ितों का कहना है कि सरकार ने जो भी वादे किए थे सभी पूरे हुए. लेकिन जो 10 बीघा जमीन देने की बात कही थी उसको पूरा नहीं किया गया. लोगों की मांग है कि सरकार 10 बीघा जमीन देने का वादा पूरा करे.

उम्भा गांव के पीड़ितों ने सीएम योगी को याद दिलाया उनका वादा.

ईटीवी भारत की टीम जब उम्भा गांव पहुंची तो वहां के पीड़ित लोगों ने बातचीत के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवार को 18.5 लाख रुपये, घायलों को 2.5 लाख देने की बात कही. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को 10 बीघा और घायलों को 5 बीघा जमीन देने की बात कही थी.

घटना के बाद गांव में हुआ विकास
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराईं गई. इसके पहले जहां गांव में ज्यादातर कच्चे मकान दिखाई देते थे आज पक्के आवास व मकान दिखाई दे रहे हैं. उम्भा कांड के बाद अब भी लगातार गांव में पीएसी बल तैनात है. ताकि गांव में किसी भी प्रकार का विवाद न होने पाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांव में पुलिस चौकी खोलने की बात कही थी, जो कि स्थापित कर दी गई गई है.

संचालित समितियों के नाम भूमि का सर्वे कराया गया. इसमें कुल 1,156 बीघा जमीन को ग्राम समाज के नाम दर्ज किया गया. वहीं 861 बीघा जमीन 281 लोगों को पट्टा दी गई है. भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो उसके मद्देनजर जमीन के सीमांकन का काम अभी भी चल रहा है. सीमांकन करके पत्थरगड़ी कराई जा रही है.

कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि उनके घर के आसपास किसी दूसरे को पट्टा कर दिया गया, जिसकी वजह से उन्हें दिक्कत होगी. इस को ध्यान में रखते हुए जिला अधिकारी एस. राजलिंगम ने उप जिलाधिकारी व तहसीलदार घोरावल को निर्देशित किया है कि जांच कर स्थानीय लोगों की सुविधानुसार अनुसार चक परिवर्तित कराया जायें.

लोगों को मिला सरकारी योजनाओं का लाभ
उंभा गांव में हुए नरसंहार के बाद सरकार की तरफ से मिलने वाली ज्यादातर सुविधा लोगों को मुहैया कराई गई है. जिसमें उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय और जरूरतमंदों को राशन कार्ड दिए गए हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 292 आवास उपलब्ध कराया गया है.

सोनभद्र: 17 जुलाई 2019 को जमीनी विवाद के चलते सोनभद्र के घोरावल तहसील इलाके के उम्भा गांव में भारी गोलीबारी हुई थी, जिसमें 11 लोगों की मौत और 27 लोग घायल हो गए थे. इस मामले के बाद सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों ने गांव का दौरा किया था और जानकारी भी ली थी. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दौरा किया था और पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर हर संभव मदद दिलाने की बात कही थी.

हालांकि, पीड़ितों का कहना है कि सरकार ने जो भी वादे किए थे सभी पूरे हुए. लेकिन जो 10 बीघा जमीन देने की बात कही थी उसको पूरा नहीं किया गया. लोगों की मांग है कि सरकार 10 बीघा जमीन देने का वादा पूरा करे.

उम्भा गांव के पीड़ितों ने सीएम योगी को याद दिलाया उनका वादा.

ईटीवी भारत की टीम जब उम्भा गांव पहुंची तो वहां के पीड़ित लोगों ने बातचीत के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवार को 18.5 लाख रुपये, घायलों को 2.5 लाख देने की बात कही. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को 10 बीघा और घायलों को 5 बीघा जमीन देने की बात कही थी.

घटना के बाद गांव में हुआ विकास
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराईं गई. इसके पहले जहां गांव में ज्यादातर कच्चे मकान दिखाई देते थे आज पक्के आवास व मकान दिखाई दे रहे हैं. उम्भा कांड के बाद अब भी लगातार गांव में पीएसी बल तैनात है. ताकि गांव में किसी भी प्रकार का विवाद न होने पाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांव में पुलिस चौकी खोलने की बात कही थी, जो कि स्थापित कर दी गई गई है.

संचालित समितियों के नाम भूमि का सर्वे कराया गया. इसमें कुल 1,156 बीघा जमीन को ग्राम समाज के नाम दर्ज किया गया. वहीं 861 बीघा जमीन 281 लोगों को पट्टा दी गई है. भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो उसके मद्देनजर जमीन के सीमांकन का काम अभी भी चल रहा है. सीमांकन करके पत्थरगड़ी कराई जा रही है.

कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि उनके घर के आसपास किसी दूसरे को पट्टा कर दिया गया, जिसकी वजह से उन्हें दिक्कत होगी. इस को ध्यान में रखते हुए जिला अधिकारी एस. राजलिंगम ने उप जिलाधिकारी व तहसीलदार घोरावल को निर्देशित किया है कि जांच कर स्थानीय लोगों की सुविधानुसार अनुसार चक परिवर्तित कराया जायें.

लोगों को मिला सरकारी योजनाओं का लाभ
उंभा गांव में हुए नरसंहार के बाद सरकार की तरफ से मिलने वाली ज्यादातर सुविधा लोगों को मुहैया कराई गई है. जिसमें उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय और जरूरतमंदों को राशन कार्ड दिए गए हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 292 आवास उपलब्ध कराया गया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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