सोनभद्र: पर्यावरण के मानकों को ताक पर रखकर संचालित स्टोन क्रशर प्लांटों पर प्रशासन ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. सोमवार को ऐसे दो क्रशर प्लांट को सीज कर दिया गया, जो तय मानकों की अनदेखी कर धड़ल्ले से संचालित हो रहे थे. वहीं दो अन्य प्लांट संचालकों को नोटिस जारी किया गया है. ओबरा थाना क्षेत्र स्थित स्टोन क्रशर प्लांट लगातार पर्यावरण के मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जिसको लेकर प्रशासन को शिकायत प्राप्त हो रही थी.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की छापेमारी
सोमवार को ओबरा एसडीएम प्रकाश चंद्र के नेतृत्व में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने बिल्ली खनन क्षेत्र स्थित दो क्रशर प्लांट को सीज कर दिया. साथ ही टीम ने कई क्रशर प्लांटों की जांच कर तत्काल सुधार के निर्देश दिए. प्रशासनिक टीम की छापेमारी से खनन क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा. बिल्ली मारकुंडी स्थित क्रशर प्लांटों में पर्यावरण के मानक की अनदेखी का मामला काफी लंबे समय से चला आ रहा है. इसकी शिकायत समय-समय पर स्थानीय लोगों ने उठाई. ऐसी ही एक शिकायत पर शासन ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया था कि बिल्ली मारकुंडी में संचालित क्रशर प्लांटों की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाए कि क्या वह पर्यावरण के मानक को पूरा कर रहे हैं अथवा नहीं? ऐसे में सोमवार को एसडीएम के नेतृत्व में प्रदूषण विभाग के कर्मचारियों ने बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में दो प्लांटों को सीज कर दिया.
ये दो क्रशर प्लांट हुए सीज
टीम ने गुप्ता स्टोन वर्क बिल्ली मारकुंडी और रमेश स्टोन प्रोडक्ट बॉडी डाला को सीज कर दिया. इसके अलावा दो क्रशर प्लांट को नोटिस भी जारी की गई है. अन्य प्लांट संचालकों को निर्देश दिया गया कि पानी का नियमित छिड़काव करते हुए सभी नियमों का पालन किया जाए. अन्यथा गलत पाए जाने पर अन्य प्लांटों पर भी सीज की कार्रवाई की जाएगी.
ये हैं स्टोन क्रशर प्लांटों के लिए पर्यावरण के मानक
सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में स्थित सौ से अधिक स्टोन क्रशर प्लांटों के पर्यावरण मानकों को पूरा न करने से वायु प्रदूषण होता है. बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय स्टोन क्रशर्स प्लांट संचालकों को लगातार स्प्रिंकलर्स से पानी का छिड़काव करने, क्रशर प्लांट को ढंकने या कवर करने, प्लांट के आसपास पौधरोपण करने, प्लांट में कार्यरत मजदूरों के लिए अलग विश्राम स्थल आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अधिकांश क्रशर प्लांट मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं.