सोनभद्र: जनपद में लगातार लापरवाही बरतने, अनियमितता और भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों पर जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को दो ग्राम पंचायत अधिकारियों की सेवा समाप्त कर दी गई. दरअसल यह दोनों स्वच्छ भारत मिशन, स्कूल कायाकल्प सहित अन्य जिम्मेदारियों के प्रति उदासीन रहे. इन दोनों लोगों ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं किया. कई बार उन्हें समय भी दिया गया और कार्य को जल्द पूरा कराने के लिए भी कहा गया, लेकिन उसके बावजूद इन लोगों की तरफ से अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया गया. इसके परिणाम स्वरूप मंगलवार को दोनों लोगों की सेवा समाप्त कर दी गई.
दो ग्राम पंचायत अधिकारियों पर कार्रवाई
ग्राम पंचायत अधिकारी गिरीश चंद दुबे और रमाकांत देव पांडेय की बर्खास्तगी जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के आदेश पर की गई. जिलाधिकारी के आदेश पर जिला पंचायत राज अधिकारी धनंजय जायसवाल ने यह कार्रवाई की. दरअसल दोनों लोगों के ऊपर स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जाने वाले शौचालयों के निर्माण में लापरवाही बरतने, कई बार जिला प्रशासन की तरफ से चेतावनी देने के बावजूद भी शौचालय निर्माण का कार्य पूरा नहीं कराने और प्रशासन की तरफ से मिले शौचालय निर्माण को पूर्ण कराने के आदेश की अवहेलना करने, शौचालय निर्माण को पूर्ण करने के अनुपालन के संबंध में कोई प्रयास भी नहीं किए जाने के कारण यह कार्रवाई की गई. इन दोनों लोगों के ऊपर आरोप है उनकी लापरवाही के कारण लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया और इनकी उदासीनता की वजह से शासकीय योजना के क्रियान्वयन में विलंब हुआ. वहीं इनके ऊपर यह भी आरोप है कि योजना की धनराशि का समय से उपभोग नहीं किया गया.
शौचालय निर्माण में गबन और अनियमितता के भी आरोप
इन दोनों ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा शौचालय निर्माण में गबन और अनियमितता का मामला भी सामने आया है. इनके द्वारा कुछ पुराने शौचालयों की फोटो को अपलोड करा दिया गया, जिसमें धन का गबन और अनियमितता भी की गई. जिलाधिकारी ने कहा कि साथ ही इन दोनों के द्वारा कार्य में रुचि नहीं ली गई, जिसके कारण शासकीय कार्यों का क्रियान्वयन समय से नहीं हो पाया. लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल पाया. इन लोगों के तरफ से स्कूल कायाकल्प योजना सहित अन्य सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में रुचि नहीं दिखाई गई. अपने दायित्व के निर्वाह न करने और अनियमितता बरतने के मामले में दोनों लोगों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं.
क्या बोले जिलाधिकारी
इस संबंध में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम का कहना है कि ग्राम पंचायतों में संचालित शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरती गई है, जिसकी वजह से पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ देरी से मिला. इन्हें कई बार चेतावनी दी गई थी कि समयबद्ध तरीके से अपना कार्य करें और अपने दायित्व का निर्वाह करें, लेकिन इनकी तरफ से लगातार लापरवाही बढ़ती गई, जिसकी वजह से शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हुई इस वजह से इन लोगों की सेवा समाप्त कर दी गई है.
लेखपाल और तहसील के पेशकार की भी हुई थी बर्खास्तगी
बता दें कि हाल ही में मेडिकल कॉलेज की जमीन में धांधली करने एवं गुमराह करने पर एक लेखपाल और तहसील के पेशकार की बर्खास्तगी हुई थी. वहीं दस्तावेज के छेड़छाड़ और हेरा-फेरी करने पर सोमवार को कलेक्ट्रेट में तैनात राजस्व अभिलेख पाल की भी बर्खास्तगी हुई है. जिला प्रशासन की तरफ से अनियमितता बरतने वाले एवं भ्रष्टाचारी कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है.