सोनभद्र: परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है. ओवरलोड व सड़क हादसे में हो रहे इजाफे को देखते सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया था कि किसी भी दशा में ओवरलोड का संचालन न हो, ओवरलोड को लोडिंग पॉइंट से ही रोके. इसके बाद जिलाधिकारी सोनभद्र ने खनन विभाग समेत परिवहन व वाणिज्य कर विभाग की संयुक्त टीम बनाकर जांच का आदेश दिया. जिसके बाद जांच टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की और सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों को बंद कर सीज कर दिया.
प्रशासन की इस कार्रवाई से सड़कों पर फर्राटा भरने वाली ओवरलोड ट्रकें तो बन्द हो गयीं, लेकिन इसके बाद शुरू हो गया एक ऐसा खेल जिसकी कल्पना शायद किसी ने भी नहीं की होगी. दरअसल, संयुक्त जांच टीम ने जितनी भी गाड़ियों को बन्द किया था उनमें से सैकड़ों गाड़ियां फर्जी रिलीजिंग ऑर्डर बनाकर छुड़ा लिया गया. हैरान करने वाली बात यह थी कि सभी सीज हुई गाड़ियां पुलिस की कस्टडी में थी, लेकिन किसी ने फर्जी रिलीजिंग ऑर्डर की तस्दीक करने की जहमत नहीं उठाई.
ऐसे में सैकड़ों बंद गाड़ियों को माफियाओं ने फर्जी रिलीज ऑर्डर से पुलिस कस्टडी से छुड़ा ले गए. मिर्जापुर मण्डल के आरटीओ राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि जांच में 19 गाड़ियों की रिपोर्ट सामने आई है, जो फर्जी रिलीजिंग ऑर्डर के आधार पर छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि जांच कराई जा रही है और इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है.