सोनभद्र : दरअसल, नीति आयोग देश के 115 अति पिछड़े जनपदों को चिन्हित कर वहां पर विकास कार्य एवं अन्य चीजों की अतिरिक्त निगरानी करता है. ये सभी कार्य नीति आयोग की निगरानी में निर्धारित किए गए विभिन्न इंडिकेटर के आधार पर किए जाते हैं. उसी निगरानी के तहत हर महीने विभिन्न मांगों पर खरा उतरने पर सभी जनपदों की रैंकिंग की जाती है. इसमें जुलाई की हुई रैंकिंग में सोनभद्र को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है.
वहीं, प्रथम स्थान मिलने पर अधिकारी ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि आने वाले समय में भी जनपद को प्रथम स्थान मिले. साथ ही उनका कहना था कि हमारी कोशिश है कि यहां स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल सभी को उपलब्ध हो सके. ताकि सोनभद्र को जल्द पिछड़े जनपदों की श्रेणी से हमेशा के लिए हटाया जा सके.
इस संबंध में जिलाधिकारी यशराज लिंगम ने बताया कि भारत में तकरीबन 118 जनपद आकांक्षी जनपद के रूप में चिन्हित हैं. उसमें 6 पैरामीटर के आधार पर भारत सरकार ने चिन्हित किए हैं. उस इंडिकेटर पर प्रत्येक महीने प्रगति रिपोर्ट का आकलन किया जाता है. जो जनपद अच्छा परफॉर्म करता है प्रत्येक इंडिकेटर पर उसे रैंकिंग दी जाती है. जिसमें अमूमन स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त और कृषि कार्य शामिल हैं. इस प्रकार के क्षेत्र में डेल्टा रैंकिंग नीति आयोग जारी करता है, जिसमें सोनभद्र को प्रथम स्थान मिला है.