सोनभद्रः जिले में पांच वर्ष पूर्व नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में मंगलवार को फैसला आया. अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने दोषी सत्यम को 10 साल की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी. वहीं, अर्थदंड की पूरी धनराशि पीड़िता को मिलेगी.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के एक व्यक्ति ने वर्ष 2017 में दुद्धी कोतवाली में तहरीर दी. इसमें आरोप लगाया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी को दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी सत्यम बहला-फुसलाकर ले गया था और उसके साथ दुष्कर्म भी किया. इस तहरीर पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट एवं दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दी. विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी.
अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने पर दोष सिद्ध पाकर आरोपी को 10 साल की जेल और 50 हजार रुपये अर्थदंड लगाया. अर्थदंड अदा न करने पर आरोपी को 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. न्यायालय के अनुसार, दोषी सत्यम जायसवाल द्वारा जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी. वहीं, अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी. अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने पैरवी की.
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