लखनऊ: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश अभी उबर नहीं पाया है. तीसरी लहर को लेकर चेतावनी आने लगी हैं. कई वैज्ञानिक तो डेढ़ से 2 महीने में ही इसके लौटने की आशंका जता रहे हैं. इन हालातों में उत्तर प्रदेश में अब कक्षा 6 से 12 तक के स्कूल खोलने को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कुछ माननीयों को आगे करके निजी स्कूल और उनसे जुड़े संगठन सरकार को घेरने में लगे हुए हैं.
एमएलसी ने की यह मांग
आगरा शिक्षण क्षेत्र के एमएलसी डॉक्टर आकाश अग्रवाल ने सोमवार को राजधानी में प्रेस वार्ता कर स्कूल खोलने की मांग उठाई है. उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते अप्रैल से कक्षा 6 से 12 तक के सारे स्कूल बंद है. बच्चों की फीस नहीं आ रही है. ऐसे में यहां काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए संकट पैदा हो गया है. उनकी मांग है कि स्कूल खोल दिए जाएं. बच्चों को आने की अनुमति दी जाए, ताकि फीस आ सके.
अभिभावक बोले, अपनी दुकान चमकाने का खेल
कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालातों में एमएलसी डॉ. आकाश अग्रवाल की तरफ से उठाई गई इस मांग पर अभिभावकों ने नाराजगी जताई है. अभिभावकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर सभी ने देखा. इसके बावजूद विशेषज्ञों की चेतावनी के बाद स्कूल खोलने की बात करना ठीक नहीं है. अभिभावक सुरेश कुमार का कहना है कि कुछ माननीय सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में इस तरह की मांग उठा रहे हैं.
एमएलसी ने उठाईं ये मांगें
- स्कूलों को तत्काल खोला जाए व कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को स्कूलों में आने की अनुमति दी जाए और विधिवत शिक्षा शुरू कराई जाए.
- कोरोना महामारी के दौरान जितनी अवधि के लिए स्कूल बंद हुए हैं, उस अवधि का बिजली बिल केवल यूनिट के आधार पर लिया जाए.
- स्कूल वाहन का प्रयोग न होने की दशा में फिटनेस, बीमा, परमिट की अवधि को उतने ही समय के लिए बढ़ाया जाए.
- स्कूल वाहन पर लिए गए लोन पर बंदी समय का ब्याज माफ किया जाए और लोन की अवधि बड़ाई जाए.
- शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है, इस पर सरकार द्वारा व्यय किया जाता है, इसलिए तत्काल शिक्षकों को मानदेय दिया जाए.
- एमएलसी की तरफ से भाजपा के 2017 में जारी चुनावी घोषणा पत्र के वादों को भी पूरा किए जाने की मांग उठाई गई है.
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