सोनभद्र: वैश्विक महामारी कोविड-19 से सभी परेशान हैं. इस महामारी ने छोटे व्यवसायियों की कमर तोड़ कर रख दी है. फलों का राजा कहे जाने वाले आम की बिक्री जून के महीने में भरपूर होती थी, लेकिन कोविड-19 की वजह से लागू हुए लॉकडाउन में फलों की कीमत बढ़ चुकी है. इस वजह से इस वर्ष आम की बिक्री में काफी गिरावट आई है.
इसको लेकर आम का व्यवसाय करने वाले व्यवसाई भी चिंतित हैं और सोच में पड़े हैं कि आम की बिक्री न होने पर वह अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे. व्यापारी बाजार में दुकान लगाकर ग्राहकों की राह देख रहे हैं. व्यवसायियों का कहना है कि बिक्री न होने की वजह से काफी मात्रा में फल बर्बाद हो रहे हैं, जिससे उनको दोगुना नुकसान उठाना पड़ रहा है.
कोरोना के डर से नहीं हो रही आम की बिक्री
जून माह आधे से ज्यादा बीत चुका है. बारिश की भी शुरुआत हो चुकी है. इसी समय सबसे ज्यादा लोग आम खाना पसंद करते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस का डर कहें या कीमत में वृद्धि जिसकी वजह से आम की बिक्री कम हो रही है. जहां पिछले वर्षों में आम की कीमत 30 से 35 रुपये किलो तक थी, वहीं इस वर्ष आम 50 से 60 रुपये प्रतिकिलो है. कोविड-19 का डर लोगों को इस कदर सता रहा है कि ज्यादातर लोग घरों से बाहर ही निकलना नहीं चाह रहे हैं. लोगों की यह कोशिश है कि बाहर की चीजों को कम से कम खाया जाए, जिसकी वजह से भी बिक्री में गिरावट हुई है.
व्यापारियों को घर चलाने में हो रही मुश्किलें
आम के व्यवसायियों का कहना है कि कोरोना के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, जिससे आम की बिक्री नहीं हो रही है. बिक्री न होने की वजह से व्यापारियों को अपना घर तक चलाने में मुश्किल हो रही है. इस समय आम के दाम 50 से 60 रुपये किलो हैं. महंगा होने के कारण भी इसकी बिक्री नहीं हो रही है. लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस सभी समस्याओं का कारण बन चुका है.