सोनभद्रः आठ सूत्री मांगों को लेकर लगातार जनपद के लेखपाल कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दे रहे हैं. वहीं जनपद में धारा 144 और एस्मा कानून भी लागू है. हालांकि धरना देने की वजह से जिला प्रशासन ने 'नो वर्क नो पे' के तहत 13 लेखपालों को बर्खास्त और 114 लेखपालों की सर्विस ब्रेक कर दी है. साथ में लगभग 45 से अधिक पर मुकदमा भी किया गया है. इसके बावजूद लेखपाल अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.
10 दिसंबर से लगातार जारी है धरना
जनपद के लेखपालों का धरना 10 दिसंबर से जारी है. इसमें तीन दिवसीय धरना जनपद के तीनों तहसीलों पर था. उसके बाद 13 दिसंबर से कलेक्ट्रेट परिसर में लगातार धरना दे रहे हैं. लेखपालों की मांग है कि एसीपी विसंगति को दूर किया जाए, प्रोन्नति दी जाए, पेंशन विसंगतियों को दूर किया जाए, भत्तों में वृद्धि की जाए और राजस्व लेखपाल का पद नाम परिवर्तित किया जाए. साथ में अन्य कार्य कराने पर उसके अनुसार भुगतान दिया जाए.
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लेखपाल संध के पदाधिकारी
लेखपाल संघ के जिला मंत्री विकास यादव का कहना है कि इसके संबंध में जिलाधिकारी को पहले से ही सूचित किया जा चुका है. उसके बावजूद 13 लेखपालों को बर्खास्त कर दिया है. 3 लेखपालों को निलंबित कर दिया है. 114 लेखपालों की सर्विस ब्रेक कर दी गई है और 45 पर एफआईआर दर्ज करा कर गिरफ्तारियां करवाना शुरू कर रहे हैं.
लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष का कहना है कि हम लोगों का आंदोलन आठ सूत्री मांगों को लेकर है. सरकार ने वादा पूरा करने के लिए कहा था, लेकिन पूरा नहीं किया. इसलिए हम लोग आंदोलित हैं. धारा 144 से पहले हमने सरकार को चेताया था यदि हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी तो आंदोलन करेंगे.