सोनभद्र: जनपद के दुद्धी कोतवाली में फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी के विरुद्ध तहसीलदार ने मुकदमा पंजीकृत कराया है. वहीं जिलाधिकारी को प्रमाण पत्र निरस्त करने के लिए पत्र भी भेजा है. दरअसल प्रदीप कुमार नाम के ग्राम पंचायत अधिकारी जो कि प्रतापगढ़ के रहने वाले थे. गलत तरीके से जमीन खरीद कर दुद्धी कोतवाली क्षेत्र मजदीहा में घर बनवा कर रह रहे थे और उन्होंने वहीं से फर्जी प्रमाण पत्र भी बनवा लिया. इस मामले में जांच के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर उनके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर जिला प्रशासन आगे की कार्रवाई में जुट गया.
जनपद प्रतापगढ़ के सदर तहसील के भीमसेन के रहने वाले विनोद कुमार एडीओ पंचायत के रूप में सोनभद्र में तैनात थे. पिछड़ा वर्ग के होने के बावजूद उन्होंने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी हासिल की. मामला संज्ञान में आने के बाद पंचायती राज विभाग की तरफ से उनकी जांच करवाई जा रही है. वहीं दूसरा मामला संज्ञान में आया कि उन्होंने सोनभद्र में रहने के दौरान अनुसूचित जनजाति की जमीन खरीदी और अपने पुत्र प्रदीप कुमार का अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र भी दुद्धी तहसील से बनवाया. उसी आधार पर सरकारी सेवा में ग्राम पंचायत अधिकारी भी बने. हालांकि मामला उजागर होने के बाद उनकी भी जांच शुरू हो गई है. जिला अधिकारी के आदेश पर दुद्धी कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया गया और मामले की जांच की जा रही है.
इस संबंध में दुद्धी के तहसीलदार बृजेश कुमार वर्मा ने बताया कि मंजडीहा ग्राम पंचायत में आरोपी ने घर बनवाया है और वहीं से इन्होंने अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाया है. प्रदीप कुमार पुत्र विनोद कुमार जोकि प्रतापगढ़ सदर तहसील के भीमसेन के रहने वाले हैं. इनके अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र को निरस्त करने के लिए जिला अधिकारी की कमेटी को भेजा गया है. जिलाधिकारी के निर्देश पर इनके विरुद्ध कूट रचित करके पिछड़े वर्ग के होने के बावजूद अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दुद्धी कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत करवा दिया गया है.