कुशीनगर: यूपी के कुशीनगर जिले में शिकारियों के बिछाए जाल में फंसे तेंदुए को रेस्क्यू करने में वन विभाग की लापरवाही और इंतजामों की पोल खुल गई. दरअसल बिहार के बाल्मिकी टाईगर रिजर्व से एक तेंदुआ कुशीनगर के रामकोला इलाके के मिश्रौली में पहुंचा और जाल में फंस गया. बुधवार की सुबह जब ग्रामीणों की नजर तेंदुए पर पड़ी तो उन्होंने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी. पुलिस की टीम मौके पर पहुंची लेकिन वन विभाग की टीम को पहुंचने में चार घंटे लग गए. उसके बाद भी वन विभाग की टीम के पास तेंदुए को पकड़ने का पुख्ता इंतजाम नहीं था. जिला वनाधिकार वरुण कुमार सिंह, इलाके के रेंजर कसया जयंत सिंह राणा और रेंजर हाटा अमित श्रीवास्तव के साथ वनकर्मी घंटों मूक दर्शक बने रहे. जब गोरखपुर चिड़ियाघर से एक्सपर्ट को ट्रेंकुलाइजर गन लेकर पहुंचे उसके बाद तेंदुए को काबू में किया जा सका.
बताया जा रहा है कि जिला वनाधिकार वरुण कुमार सिंह सूचना मिलने के 5 घंटे बाद मौके पर पहुंचे और ड्रोन के जरिए तेंदुए की स्थिति को जाना. वहीं रेंजर खडडा अमृता सिंह 40 किमी दूर से अपने रेंज कार्यालय से पिंजरा लेकर मौके पर पहुंची. कुछ देर वन विभाग के जिम्मेदार जाल को बिछा कर मौके पर मौजूद रहे. डीएफओ ने बताया की हमारी टीम ने गोरखपुर के चिड़ियाघर से एक्सपर्ट को ट्रेंकुलाइजर गन लेकर बुलाया जा रहा है. जैसे ही वो आते हैं रेस्क्यू की कार्रवाई की जाएगी.
ग्रामीणों के मुताबिक सुबह गांव के लोग खेतों की तरफ जा रहे थे तभी उन्होंने देखा कि, छोटी गंडक नदी के किनारे खेतों में जानवरों को पकड़ने के लिए शिकारियों की ओर से लगाए गए बारे में तेंदुए का पैर फंस गया. स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. रामकोला थाने के खोटही चौकी इंचार्ज पुलिस टीम के साथ पहुंचे और स्थानीय लोगों को तेंदुए के रेंज से दूर किया. वन विभाग को सूचना दी गई. अभी तक तेंदुए की ओर से किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने की सूचना नहीं है.
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