सोनभद्र: जिले के राबर्ट्सगंज नगर पालिका के दूषित पानी का दंश ग्रामीण क्षेत्रों के किसान झेलने के लिए विवश हैं. नगर पालिका क्षेत्र के गंदे पानी का जमाव रॉबर्ट्सगंज के आस-पास के गांवों में भी हो रहा है. सजौर ग्राम सभा की लगभग 50 से 60 बीघा जमीन जलभराव के चलते डूब गई है. किसान उस जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्होंने नगर पालिका से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगाई, लेकिन पिछले 20 वर्षों से लेकर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं दूसरी तरफ नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का कहना है कि करोड़ों की लागत से ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जा रहा है.
डूबी जमीन, नहीं हो पा रही खेती
जिले के सजौर गांव के किसानों का कहना है कि लगभग पिछले 20 वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है. नगर पालिका के पानी के जमाव के चलते आस-पास के गांव के लगभग 20 से अधिक किसान इन जमीनों पर खेती नहीं कर पा रहे हैं. एक तरफ जहां लॉकडाउन के चलते अन्य व्यवसाय और रोजगार बंद हो गए हैं, वहीं नगर पालिका की लापरवाही के चलते हम इन जमीनों पर खेती नहीं कर पा रहे हैं. नगर पालिका से कई बार शिकायत के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
अधिकारी से मिला आश्वासन
राबर्ट्सगंज नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी प्रदीप गिरी ने बताया कि वर्ष 2016 में एक नाले का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन यह निर्माण धन की कमी के चलते पूरा नहीं हो पाया. जलभराव की समस्या के समाधान के लिए 20 करोड़ की लागत से एक योजना बनाई गई है, जिसकी मंजूरी भी मिल गई है. जैसे ही शासन से धन का आवंटन हो जाता है, ड्रेनेज सिस्टम बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. अधिशासी अधिकारी ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष तक किसानों की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.