सोनभद्र: जिले में उर्वरक की कालाबाजारी और जमाखोरी की शिकायत मिलने के बाद कृषि विभाग की ओर से टीम बनाकर उर्वरक केंद्रों पर छापेमारी की जा रही है. इसके अलावा यूरिया खाद लेने आने वाले किसानों के दस्तावेजों की जांच कर ई-पाॅस मशीन से यूरिया खाद का वितरण किया जा रहा है. वहीं कृषि विभाग की ओर से फसल के हिसाब से उर्वरक की मात्रा का निर्धारण किया गया है, जिससे की सभी किसानों को यूरिया खाद आसानी से उपलब्ध हो सके.
उर्वरक वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए अब सहकारी समितियों सहित अन्य सरकारी गोदामों पर यूरिया खाद का वितरण ई-पॉस मशीन के माध्यम से किया जा रहा है. हालांकि अभी भी किसानों को यूरिया खाद केंद्रों पर लंबी लाइन लगानी पड़ रही है. वहीं कृषि अधिकारी ने दावा किया है कि जिले में यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है. किसानों को आसानी से उर्वरक मुहैया कराए जा रहे हैं. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अधिक मात्रा में यूरिया का वितरण किया गया है.
डीएम की ओर से लगातार इस संबंध में जानकारी ली जा रही है. कृषि अधिकारी ने बताया कि डीएम के आदेश पर टीम गठित कर लगातार उर्वरक वितरण की जांच की जा रही है. गलत तरीके से या नकली उर्वरक बेचने पर कार्रवाई भी की जा रही है.
जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि ई-पाॅस मशीन के माध्यम से केंद्रों पर उर्वरक की बिक्री की जा रही है. इसमें किसानों को एक पर्ची मिलती है, जिस पर उर्वरक का पूरा विवरण व मूल्य लिखा रहता है. उसी हिसाब से उपभोक्ता को पैसा जमा करना होता है.
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष इस समय तक 7000 मैट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया था. मौजूदा समय में अब तक कुल 10200 मैट्रिक टन यूरिया वितरित की जा चुकी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3200 मीट्रिक टन अधिक है.