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डेंगू और मलेरिया के बढ़े मामले, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

पश्चिमी यूपी में जहां एक तरफ डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों से हड़कंप मचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ पूर्वी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले में भी डेंगू के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग में जहां एक तरफ हड़कंप की स्थिति है. वहीं दूसरी तरफ जनता में भी भयाक्रांत है.

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Published : Sep 11, 2021, 5:19 PM IST

सोनभद्र में डेंगू का प्रकोप.
सोनभद्र में डेंगू का प्रकोप.

सोनभद्रः जिले में डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की नींद अभी तक नहीं खुल पाई है. न ही मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए दवाओं का छिड़काव ही किया जा रहा है. बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक कोई भी अलर्ट तक जारी नहीं किया है. ऐसे में सोनभद्र जिले में डेंगू की बीमारी पैर पसार रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग चैन की नींद सोया हुआ है.

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि डेंगू के 37 संदिग्ध मरीज मिले हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस प्रश्न पर भी कुछ स्पष्ट रूप से नहीं बता रहा है कि निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक में मिल रहे डेंगू के मरीजों की संख्या कितनी है. वेक्टर जनित रोग के नोडल अधिकारी डॉक्टर आर जी यादव ने बताया कि इस संबंध में निजी अस्पतालों और क्लीनिक को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जैसे ही डेंगू के मामले आए, इस बात की सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को दें, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि डेंगू के कितने मरीज जिले में हैं. इस बात की जानकारी स्वयं स्वास्थ्य विभाग को नहीं है.

सोनभद्र में डेंगू और मलेरिया.

इसे भी पढ़ें- अंधविश्वास में मौत का खेल: बहू ने ससुर को कुल्हाड़ी से काट डाला, मौत

जहां एक तरफ स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि, डेंगू से बचाव के लिए लगातार कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही जहां भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, उसके आसपास छिड़काव किया जाता है. वहीं वास्तविक स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है. ज्यादातर जगहों पर न तो साफ सफाई की व्यवस्था की जा रही है और न ही कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है. ऐसे में लगता यह है कि स्वास्थ विभाग की नींद तभी खुलेगी जब यह बीमारी महामारी का रूप ले लेगी.

सोनभद्रः जिले में डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की नींद अभी तक नहीं खुल पाई है. न ही मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए दवाओं का छिड़काव ही किया जा रहा है. बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक कोई भी अलर्ट तक जारी नहीं किया है. ऐसे में सोनभद्र जिले में डेंगू की बीमारी पैर पसार रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग चैन की नींद सोया हुआ है.

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि डेंगू के 37 संदिग्ध मरीज मिले हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस प्रश्न पर भी कुछ स्पष्ट रूप से नहीं बता रहा है कि निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक में मिल रहे डेंगू के मरीजों की संख्या कितनी है. वेक्टर जनित रोग के नोडल अधिकारी डॉक्टर आर जी यादव ने बताया कि इस संबंध में निजी अस्पतालों और क्लीनिक को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जैसे ही डेंगू के मामले आए, इस बात की सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को दें, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि डेंगू के कितने मरीज जिले में हैं. इस बात की जानकारी स्वयं स्वास्थ्य विभाग को नहीं है.

सोनभद्र में डेंगू और मलेरिया.

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जहां एक तरफ स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि, डेंगू से बचाव के लिए लगातार कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही जहां भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, उसके आसपास छिड़काव किया जाता है. वहीं वास्तविक स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है. ज्यादातर जगहों पर न तो साफ सफाई की व्यवस्था की जा रही है और न ही कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है. ऐसे में लगता यह है कि स्वास्थ विभाग की नींद तभी खुलेगी जब यह बीमारी महामारी का रूप ले लेगी.

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