सोनभद्र: वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते मार्च से विद्यालय बंद हैं, हालांकि सरकार ने जुलाई महीने से सभी टीचर्स और विद्यालय के कर्मचारियों के लिए स्कूल आना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन, बच्चों को स्कूल आने से रोका गया है. इस दौरान कुछ शिक्षक- शिक्षिकाएंं और अन्य कर्मचारी बिना विद्यालय गए लगातार वेतन ले रहे हैं. बुधवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ गोरखनाथ पटेल ने चोपन विकासखंड के दर्जनों विद्यालयों का निरीक्षण किया. इस दौरान आठ शिक्षक-शिक्षिकाएं, एक अनुदेशक और दो शिक्षामित्र सहित 11 लोग अनुपस्थित मिले. जिस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अनुपस्थित पाए गए सभी 11 लोगों के वेतन पर रोक लगा दी है.
- बीएसए ने चोपन ब्लॉक के प्राथमिक स्कूलों का किया निरीक्षण
- 8 शिक्षक-शिक्षिकाएं, एक अनुदेशक और दो शिक्षामित्र मिले अनुपस्थित
- बीएसए ने की कड़ी कार्रवाई, रोका सभी का वेतन
जनपद के कुल 2458 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में कोरोना कि खतरे के मद्देनजर बच्चों के आने पर रोक लगाई गई है. हालांकि प्रदेश सरकार ने शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों को विद्यालय आने के लिए कहां है. इस दौरान बच्चों के ना आने का फायदा कुछ अध्यापक एवं कर्मचारी उठा रहे हैं. जिसका परिणाम यह हो रहा है कि कुछ लोग बिना विद्यालय आए घर बैठे आराम से वेतन उठा रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब बुधवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ गोरखनाथ पटेल ने चोपन विकासखंड के परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण किया. इस दौरान कुल 11 लोग अनुपस्थित पाए गए. जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए. उनके वेतन पर रोक लगा दी गई.
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि चोपन विकासखण्ड के विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया. जिनमें से कई विद्यालय में अध्यापक और अध्यापिका उपस्थित नहीं पाए गए. जो अध्यापक या कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए उनका इस महीने का वेतन रोक दिया गया है.