सोनभद्रः खरीफ की फसल को लेकर यूरिया की मांग बढ़ी है. वहीं कुछ लोग इसको ब्लैक मार्केटिंग करके जमाखोरी करने में भी लगे हुए हैं. कई लोगों को यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसको लेकर जिला कृषि अधिकारी के नेतृत्व में टीम लगातार ब्लैक मार्केटिंग करने वालों और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. जिले में अभी तक 12 से ज्यादा लोगों पर टीम ने एक्शन लिया है. वहीं जनपद में 29 लोग ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने 3700 बोरी यूरिया की खरीद की है. इतनी बड़ी मात्रा में यूरिया की खरीद होने पर आधा दर्जन सहकारी समितियों एवं कुछ प्राइवेट विक्रेताओं सहित यूरिया खरीदने वालों की जांच की जा रही है.
पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष तकरीबन डेढ़ गुना से अधिक यूरिया का वितरण जनपद में किया जा चुका है. इसके बावजूद यूरिया को लेकर समस्या बनी हुई है. वहीं कई जगहों पर यूरिया को लेकर भारी भीड़ भी देखने को मिल रही है. इसी बीच कुछ सहकारी समितियों के कर्मचारी और यूरिया के थोक विक्रेताओं द्वारा जमाखोरी का मामला आया है. कई लोग 100-100 बोरी से अधिक खाद ले गए हैं. हालांकि उनके पास खेती भी इतनी नहीं है.
आवश्यकता से अधिक मात्रा में खाद निर्गत करने के मामले को लेकर सहकारी समितियों के कर्मचारी और यूरिया के विक्रेता सहित कई लोग कठघरे में खड़े हैं. मामले की जानकारी लगने के बाद डीएम ने जिला कृषि अधिकारी को इसकी जांच सौंपी है, जिसको लेकर कृषि अधिकारी लगातार सहकारी समितियों एवं उर्वरक के थोक विक्रेताओं की जांच कर रहे हैं और संबंधित उपभोक्ताओं से भी जानकारी ले रहे हैं. पीयूष राय जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि जांच कर आख्या जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी और जिलाधिकारी के निर्देश पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
जिला प्रशासन 20 ऐसे लोगों कि जांच करवा रहा है जो कि सबसे ज्यादा यूरिया खरीदे हैं, जिसमें कुल 29 लोग शामिल हैं. इसमें 10 ऐसे लोग हैं जो कि एक मात्रा में खरीदारी की है. इसको लेकर करमा सहकारी संघ, केकराही सहकारी समिति, सहकारी समिति दुरावल खुर्द, सहकारी समिति रामपुर तरावा, सहकारी समिति और आधा दर्जन से अधिक प्राइवेट थोक विक्रेताओं से इस संबंध में पूछताछ की जा रही है.