कानपुर : शहर समेत 18 जिलों के लाखों मरीजों के लिए अब जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से राहत भरी खबर सामने आई है. दरअसल, अभी तक दिल के मरीजों के इलाज के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल में सारी कवायद होती है, हालांकि अब लाखों मरीजों को कानपुर में दिल के इलाज का दूसरा अस्पताल बहुत जल्द मिल जाएगा. मेडिकल कॉलेज के पास ही 350 करोड़ रुपये की लागत से जो एपेक्स ट्रॉमा सेंटर बनेगा, उसमें कुल आठ विभाग होंगे. जिनमें यूनिक फीचर के तौर पर कार्डियोलॉजी का भी विभाग खुलेगा. इस विभाग में ऑपरेशन थिएटर, कैथ लैब समेत कई अन्य विश्व स्तरीय सुविधाएं भी होंगी.
16 करोड़ रुपये की मशीन से मरीजों की ब्लीडिंग रोकने का होगा इलाज : इस पूरे मामले पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि रेडियोलाॅजी का भी डिपार्टमेंट खोलेंगे, जिसमें 16 करोड़ रुपये की डिजिटल सब्सक्रिप्शन एंजियोग्राफी (डीएसए) मशीन होगी. इससे सबसे खराब तरीके की ब्लीडिंग को रोकने संबंधी इलाज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी उत्तर प्रदेश में ट्रॉमा सेंटर तो कई बने हैं, लेकिन कानपुर में पहली बार एपेक्स ट्रॉमा सेंटर बनेगा, जिसमें मरीजों को विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला इलाज मुहैया हो सकेगा.
350 करोड़ रुपये होगी लागत, ढाई साल में तैयार हो जाएगा : प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि एपेक्स ट्रॉमा सेंटर की कुल लागत 350 करोड़ रुपये होगी. यह ट्रॉमा सेंटर ढाई साल में बनकर तैयार हो जाएगा. ट्रॉमा सेंटर में एयर लिफ्ट की भी सुविधा होगी, जिससे मरीजों को एयर एंबुलेंस किया जा सकेगा. कुल आठ मंजिला यह भवन होगा, जिसमें दो मंजिल बेसमेंट की होंगी और छह अलग-अलग फ्लोर पर कई तरह से विभाग बनेंगे. उन्होंने बताया कि एपेक्स ट्रॉमा सेंटर बनने से कानपुर के अलावा बुंदेलखंड के कई जिलों के मरीज जब यहां आएंगे तो इससे लखनऊ स्थित पीजीआई, केजीएमयू समेत अन्य अस्पतालों पर मरीजों का जो भार है वह कम हो जाएगा.