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सोनभद्र: प्रभारी मंत्री का बेतुका बयान, 'चुनाव की व्यस्तता के कारण हुई गोवंशों की मौत'

नगर पालिका परिषद में बने जिले के एकमात्र गोवंश आश्रय स्थल में गोवंश भूख और प्यास से तड़प कर मर रहे हैं. पांच माह में यहां 124 गायों की मौत हो चुकी है. सरकार के दावे पूरी तरह खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. वहीं प्रभारी मंत्री अर्चना पांडेय ने इस पर चौंकाने वाला बयान दिया है.

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Published : Jun 21, 2019, 9:30 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

गोवंश आश्रय स्थल में हो रही गायों की मौत.

सोनभद्र: जनपद में बने गोवंश आश्रय स्थल में विगत 5 महीने के अंदर 124 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है. सूबे में आए दिन हो रही गोवंशों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ गोवंश के लिए गौशालाओं में देखभाल की कमी तो वहीं दूसरी तरफ तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण यह सिलसिला जारी है. वहीं जब इस संबंध में दो दिवसीय जनपद के दौरे पर आई जिले के प्रभारी मंत्री अर्चना पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने चौंकाने वाला उत्तर देते हुए कहा कि चुनाव और आचार संहिता के कारण सभी लोग व्यस्त थे. अधिकारियों से लापरवाही हुई है.

गोवंश आश्रय स्थल में लगातार हो रही गायों की मौत.

क्या है पूरा मामला

  • सोनभद्र के एकमात्र नगर पालिका परिषद सोनभद्र कस्बे में बने गोवंश आश्रय स्थल में आए दिन गोवंश तड़प- तड़प कर मर रहे हैं.
  • पांच माह में 124 गायों की मौत हो चुकी है.

गोवंश आश्रय स्थल रॉबर्ट्सगंज में व्यवस्था बहुत अच्छी है, लेकिन विगत 5 महीने में लगभग 124 पशुओं की मौत हो चुकी है. वर्तमान समय मे 175 पशु यहां पर हैं. पहले छुट्टा पशु आवारा घूमते थे, लेकिन अब बन्द कर दिया गया तो इसका साइकोलॉजिकल कारण भी है, जिसके कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती गई. पॉलीथिन खाने से भी पशुओं की मौत हुई है.
-डॉ. एसके कुशवाहा, पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा विभाग

चुनाव और आचार संहिता के कारण सभी लोग व्यस्त थे. अधिकारियों से लापरवाही हुई है. चुनाव खत्म होते ही मुख्यमंत्री के साथ सभी लोग गोवंश की मौत न हो, इसके लिए ध्यान दिया जा रहा है. अधिक से अधिक गोवंश के संरक्षण के लिए काम किया जा रहा है.
-अर्चना पांडेय. प्रभारी मंत्री, सोनभद्र

सोनभद्र: जनपद में बने गोवंश आश्रय स्थल में विगत 5 महीने के अंदर 124 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है. सूबे में आए दिन हो रही गोवंशों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ गोवंश के लिए गौशालाओं में देखभाल की कमी तो वहीं दूसरी तरफ तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण यह सिलसिला जारी है. वहीं जब इस संबंध में दो दिवसीय जनपद के दौरे पर आई जिले के प्रभारी मंत्री अर्चना पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने चौंकाने वाला उत्तर देते हुए कहा कि चुनाव और आचार संहिता के कारण सभी लोग व्यस्त थे. अधिकारियों से लापरवाही हुई है.

गोवंश आश्रय स्थल में लगातार हो रही गायों की मौत.

क्या है पूरा मामला

  • सोनभद्र के एकमात्र नगर पालिका परिषद सोनभद्र कस्बे में बने गोवंश आश्रय स्थल में आए दिन गोवंश तड़प- तड़प कर मर रहे हैं.
  • पांच माह में 124 गायों की मौत हो चुकी है.

गोवंश आश्रय स्थल रॉबर्ट्सगंज में व्यवस्था बहुत अच्छी है, लेकिन विगत 5 महीने में लगभग 124 पशुओं की मौत हो चुकी है. वर्तमान समय मे 175 पशु यहां पर हैं. पहले छुट्टा पशु आवारा घूमते थे, लेकिन अब बन्द कर दिया गया तो इसका साइकोलॉजिकल कारण भी है, जिसके कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती गई. पॉलीथिन खाने से भी पशुओं की मौत हुई है.
-डॉ. एसके कुशवाहा, पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा विभाग

चुनाव और आचार संहिता के कारण सभी लोग व्यस्त थे. अधिकारियों से लापरवाही हुई है. चुनाव खत्म होते ही मुख्यमंत्री के साथ सभी लोग गोवंश की मौत न हो, इसके लिए ध्यान दिया जा रहा है. अधिक से अधिक गोवंश के संरक्षण के लिए काम किया जा रहा है.
-अर्चना पांडेय. प्रभारी मंत्री, सोनभद्र

Intro:Anchor- जनपद सोनभद्र में बने गोवंश आश्रय स्थल में विगत 5 महीने के अंदर 124 से अधिक पशुओं की मौत सरकार की व्यवस्था का पोल खोलने के लिए काफी है। सूबे में आए दिन हो रही गोवंशो की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ गोवंश के लिए गौशालाओं में देखभाल की कमी तो वही दूसरी तरफ तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण यह सिलसिला जारी है। भूखे प्यासे तड़पते इन गोवशों की मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है ? सरकार लगातार अपने अधिकारियों को निर्देश दे रही हैं लेकिन उन्हीं के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं ,जिसके कारण रोजाना गोवंशो की दर्दनाक मौत हो रही हैं। वहीं जब इस संबंध में दो दिवसीय जनपद के दौरे पर आई जिले के प्रभारी मंत्री अर्चना पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने चौंकाने वाला उत्तर देते हुए कहा कि चुनाव और आचार संहिता के कारण सभी लोग व्यस्त थे। अधिकारियों से लापरवाही हुई है ,चुनाव खत्म होते ही मुख्यमंत्री के साथ सभी लोग गोवंश की मौत ना हो इसके लिए ध्यान दिया जा रहा है ।अधिक से अधिक गोबंश के संरक्षण के लिए काम किया जा रहा है।


Body:Vo1- भूख और प्यास से तड़पते ये गोवंश भीषण गर्मी में खुले आसमान में तड़पने को मजबूर है। इनकी भूख-प्यास और गर्मी के कारण मौत हो चुकी है। यह तस्वीर सरकार की उन हकीकत को दर्शाने और झूठे निर्देशों को बया करने के लिए काफी है जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों में और बैठकों में अधिकारियों को कहते सुनते अक्सर देखे जाते हैं। सूबे की सरकार गोवंश को लेकर कितनी चिंतित है, उनके अधिकारी गौशालाओं में गोवंशो को लेकर कितना ध्यान दे रहे हैं उसे बयां करने के लिए यह तस्वीर काफी है। सोनभद्र के एकमात्र नगर पालिका परिषद सोनभद्र कस्बे में बने गोवंश आश्रय स्थल की शायद यह कड़वी हकीकत है । सरकार ने सभी जगहों पर अस्थाई गोशालाये तो बनवा दिया लेकिन उनकी कितनी देखरेख की जा रही है वह शायद बताने की आवश्यकता नहीं है। सरकार जो दावे कर रही है वे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। आए दिन गोवंश तड़प- तड़प कर मर रहे हैं। एक -दो नहीं तीन -चार, पांच माह में 124 गायों की मौत ।कितने गोवंश हैं जिनकी यहां मौतें हो चुकी हैं ,जिसका कोई आकडा नहीं है। वहीं पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर ने बताया कि गोवंश आश्रय स्थल रॉबर्ट्सगंज में व्यवस्था बहुत अच्छी है लेकिन विगत 5 महीने में लगभग 124 पशुओ की मौत हो चुकी है।वर्तमान समय मे 175 पशु यहां पर है।मौत का कारण है पहले आवारा छुट्टा पशु घूमते थे लेकिन अब बन्द कर दिया गया तो इसका साइकोलॉजिकल कारण भी है।जिसके कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती गयी।वही पॉलीथिन खाने से भी पशुओ की मौत हुई है। Byte-डॉ0 एसके कुशवाहा( पशु चिकित्सक,पशु विभाग सोनभद्र)


Conclusion:Vo2- वहीं जब इस संबंध में जिले के प्रभारी मंत्री अर्चना पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने चौंकाने वाला उत्तर देते हुए कहा कि चुनाव और आचार संहिता के कारण सभी लोग व्यस्त थे। अधिकारियों से लापरवाही हुई है ,चुनाव खत्म होते ही मुख्यमंत्री के साथ सभी लोग गोवंश की मौत ना हो इसके लिए ध्यान दिया जा रहा है ।अधिक से अधिक गोबंश के संरक्षण के लिए काम किया जा रहा है। Byte-अर्चना पांडेय( प्रभारी मंत्री ,सोनभद्र) चन्द्रकान्त मिश्रा सोनभद्र मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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