सोनभद्र: जिला प्रशासन को खनिज पदार्थ ढोने वाले वाहनों की शिकायत मिली थी, जिसके बाद सख्ती बरतते हुए खनिज पदार्थ ढोने वाले वाहनों की चेकिंग के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर एक संयुक्त टीम का गठन किया. इस संयुक्त टीम में प्रशासन, पुलिस, परिवहन और खनिज विभाग के अधिकारी शामिल रहे. संयुक्त टीम ने विभिन्न इलाकों में पूरी रात रोड पर चेकिंग की, जिसमें 37 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई और उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया.
दरअसल, कुछ दिनों पूर्व स्पेशल टास्क फोर्स के अधिकारियों ने वाराणसी-गोरखपुर राजमार्ग पर एक होटल में छापेमारी की थी, जिसमें ओवरलोड गाड़ियों को पास कराने वाले कई जिलों के परिवहन विभाग के अधिकारियों के नाम सामने आए थे. इसके तार सोनभद्र जिले से भी जुड़े हुए थे. इसमें परिवहन विभाग के एक कर्मचारी का नाम समाने आया था.
मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने आनन-फानन में ओवरलोड और बिना परिवहन प्रपत्र के चलने वाले वाहनों की चेकिंग के लिए संयुक्त टीम का गठन किया, जिसमें एडीएम और एएसपी सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी शामिल रहे. इन लोगों ने देर रात से लेकर सुबह तक विभिन्न स्थानों पर ट्रकों की चेकिंग की, जिसमें 12 वाहन ऐसे मिले, जिनके पास परिवहन के लिए परमिट ही नहीं था. साथ ही क्षमता से अधिक बालू और गिट्टी लदा हुआ था. इन वाहनों के खिलाफ प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की गई.
जिलाधिकारी के आदेश पर एडीएम, एसडीएम, एएसपी, सीओ, परिवहन विभाग और खनिज विभाग ने मिलकर एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था, जिसमें 12 ट्रकों को विभिन्न थानों में निरुद्ध किया गया है और मुकदमा दर्ज कराया गया है. 25 ऐसी गाड़ियां है, जिनको ड्राइवर छोड़कर भाग गए थे, उनका भी एआरटीओ ने चालान किया है. इसमें लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया.
-केके राय, जिला खनिज अधिकारी