सीतापुर: घाघरा नदी के तेज बहाव से इन दिनों बांध कटने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में यदि बांध कटा तो 12 से अधिक गांवों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. बढ़ती कटान को लेकर प्रशासन काफी चौकन्ना है. सिंचाई विभाग के अधिकारी जेसीबी के साथ करीब चार सौ मजदूरों को लेकर बांध को कटान से बचाने के लिए जुटे हुए हैं. प्रशासन भी बांध बचाव के लिए हो रहे कार्य की लगातार मॉनीटरिंग कर रहा है.
- इस बार जून माह से ही घाघरा में पानी बढ़ने के साथ बांध की मजबूती पर सवाल उठने लगे थे.
- इससे आक्रोशित गांजर स्वाभिमान मंच के लोगों ने बांध बचाओ का नारा देते हुए जनांदोलन शुरू किया. बांध पर ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन भी किया.
- तत्कालीन महमूदाबाद उप जिलाधिकारी अमित भट्ट ने मौके पर पहुंच जिम्मेदारों को मामले से आगाह कराया.
- इसके बाद बाराबंकी और सीतापुर के संबंधित अधिकारी बांध को मजबूत करने में जुट गए.
- वहीं बारिश होने के बाद घाघरा में बैराजों से छोड़े गए पानी ने अब अपना रौद्ररूप दिखाना शुरू कर दिया है. इससे ग्रामीण काफी सहम गया है.
- प्रशासन कई पॉकलैंड व जेसीबी की मदद से बांध को बचाने का प्रयास कर रहा है.
अगर बांध को नुकसान पहुंचा तो क्षेत्र के केवड़ा, बगस्ती, शुकुलपुरवा, सोहरिया, पारा, रमनगरा, कनरखी, धांधी, कोठार, अफसेरिया, टेरवा मनिकापुर, दहला, धौरहरा सहित 12 से अधिक गांवों का अस्तित्व मिट जायेगा. बांध में बुधवार की रात से शुरू हुई कटान से ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन शुरू कर दिया है. हम बांध को बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
-एसके गोस्वामी, एसडीओ