सीतापुर: जिले की प्रभारी मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि राज्य सरकार 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य के विकास को लेकर बेहद गंभीर है. यहां के पौराणिक स्थलों के पुनरोद्धार कराने के लिए चरणबद्ध तरीके से धन आवंटित कर रही है. उन्होंने कहा कि यहां होली पर्व के ठीक पहले होने वाली 84 कोसीय परिक्रमा को प्रांतीय दर्जा दे दिया गया है.
एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत सीतापुर के लिए चयनित दरी उद्योग की चर्चा करते हुए कहा कि यहां की प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की दिशा में भी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. प्रभारी मंत्री बनने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वाति सिंह ने जिले के विकास के लिए सरकार की चलायी जा रही विशेष योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि नैमिषारण्य यहां का प्रमुख धार्मिक स्थल है. इस तीर्थस्थल को विकसित करने के लिए सरकार लगातार प्रयत्नशील है. यहां के देवदेवेश्वर मंदिर और घाट के लिए सरकार ने 5 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. इसी प्रकार चक्रतीर्थ के जल की सफाई के लिए संयंत्र लगाने हेतु सरकार ने प्रस्ताव मांगा है.
होली से ठीक पंद्रह दिन पहले शुरू होने वाले 84 कोसीय परिक्रमा का अयोध्या और वृंदावन की तर्ज पर प्रान्तीयकरण किया गया है. नैमिषारण्य को राजधानी से सीधा जोड़ने के लिए सिधौली-नैमिषारण्य मार्ग का चौड़ीकरण किया जा रहा है.