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धरोहर के रूप में तीर्थों का हो रहा विकास, नैमिषारण्य का भी होगा कायाकल्प - सीतापुर

शनिवार को सूबे के कृषि मंत्री नैमिषारण्य में आयोजित श्रीमद्भागवत पारायण महायज्ञ में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि जल्द ही नैमिषारण्य का कायाकल्प शुरु होगा.

नैमिषारण्य का भी होगा कायाकल्प.
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Published : Nov 3, 2019, 10:03 AM IST

सीतापुर: सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही शनिवार को नैमिषारण्य में कथा व्यास अनिल शास्त्री द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत पारायण महायज्ञ में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य आदिकाल से काफी महत्वपूर्ण तीर्थ रहा है, यहीं पर महर्षि वेदव्यास जी ने तपस्या कर वेद और पुराणों की रचना की थी. धार्मिक महत्व के कारण बड़ी संख्या में साधक और धार्मिक पर्यटक यहां आते हैं.

नैमिषारण्य का भी होगा कायाकल्प.

इसे भी पढ़ें- नैमिषारण्य के विकास के लिए सरकार की घोषणाओं का संतों ने किया स्वागत

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार सभी तीर्थों को धरोहर के रूप में विकसित कर रही है, जिसमें 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य भी शामिल है. इस तीर्थ के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है जो यहां आने वाले धार्मिक पर्यटकों को तो आकर्षित करेगी ही साथ ही इस तीर्थ की महत्ता को भी बढ़ाने में सहयोग करेगी.

सीतापुर: सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही शनिवार को नैमिषारण्य में कथा व्यास अनिल शास्त्री द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत पारायण महायज्ञ में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य आदिकाल से काफी महत्वपूर्ण तीर्थ रहा है, यहीं पर महर्षि वेदव्यास जी ने तपस्या कर वेद और पुराणों की रचना की थी. धार्मिक महत्व के कारण बड़ी संख्या में साधक और धार्मिक पर्यटक यहां आते हैं.

नैमिषारण्य का भी होगा कायाकल्प.

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प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार सभी तीर्थों को धरोहर के रूप में विकसित कर रही है, जिसमें 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य भी शामिल है. इस तीर्थ के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है जो यहां आने वाले धार्मिक पर्यटकों को तो आकर्षित करेगी ही साथ ही इस तीर्थ की महत्ता को भी बढ़ाने में सहयोग करेगी.

Intro:सीतापुर: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार सभी तीर्थों को धरोहर के रूप में विकसित कर रही है जिसमें 88 हज़ार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य भी शामिल है. इस तीर्थ के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है जो यहां आने वाले धार्मिक पर्यटकों को तो आकर्षित करेंगी ही,इस तीर्थ की महत्ता को भी बढ़ाने में सहयोग करेंगी.


Body:सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही शनिवार को नैमिषारण्य में कथा व्यास अनिल शास्त्री द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत पारायण महायज्ञ में शामिल होने आए थे.इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. कृषि मंत्री ने कहा कि नैमिषारण्य आदिकाल से काफी महत्वपूर्ण तीर्थ रहा है, यहीं पर महर्षि वेदव्यास जी ने तपस्या की थी और वेद पुराणों की रचना भी की थी.धार्मिक महत्व के कारण बड़ी संख्या में साधक और धार्मिक पर्यटक यहां आते हैं.


Conclusion:सूबे की योगी सरकार सभी तीर्थों को धरोहर के रूप में विकसित कर रही है जिसमे नैमिषारण्य तीर्थ भी शामिल है.इस तीर्थ के विकास के लिए तमाम योजनाएं स्वीकृत की गई हैं जिनके लागू होने के बाद यहां के पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा और इस तीर्थ का विकास रफ़्तार पकड़ने से यहां की महत्ता भी बढ़ेगी.

बाइट-सूर्य प्रताप शाही (कृषि मंत्री)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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