सीतापुर: इस बार गन्ना किसानों को पर्चियां न मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में उनकी गन्ने की फसल खड़ी है. वहीं अगली फसल बोने के लिए उन्हें गन्ने की फसल काटने का इंतजार है. ऐसे में उन्हें क्रेशरों पर औने-पौने भाव में गन्ना बेचना पड़ रहा है.
जिले में चीनी मिलों की क्या है स्थिति
- इस बार गन्ना विभाग में लगभग 3 लाख 75 हजार किसानों का पंजीकरण किया गया है.
- पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 50 हजार किसानों की संख्या बढ़ी है.
- जिले में कुल पांच चीनी मिलों को यह गन्ना सप्लाई किया जाता है. इनमें से चार निजी क्षेत्र की जबकि एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.
क्या है किसानों की समस्या
- इस बार पर्चियों के वितरण की व्यवस्था चीनी मिलों से हटाकर समितियों के जिम्मे की गई थी.
- इसके चलते सर्वे का कार्य करीब एक माह विलम्ब से शुरू हुआ.
- ऐसे में किसानों को पर्चियां मिलने में काफी असुविधा हुई और मिलों को उनके गन्ने की सप्लाई नहीं हो पाई.
- अभी भी किसानों के गन्ने की फसल खेत में खड़ी है और अगली फसल के लिए भी लेट हो रहा है.
इस बार किसानों की संख्या और गन्ना बुआई का क्षेत्रफल बढ़ने से कुछ समस्या जरूर हुई है. इसके कारण मिलों से पेराई क्षमता बढ़ाने को कहा गया है. अगले सीजन में यह समस्या दूर कर ली जाएगी.
-डॉ. दुष्यंत कुमार, जिला गन्ना अधिकारी