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पर्ची न मिलने से कम दाम में गन्ना बेचने को मजबूर हैं किसान

सीतापुर जिले में गन्ना किसानों को पर्चियां न मिलने से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि चीनी मिलों पर उन्हें पर्चियां नहीं मिल रही हैं इसलिए उन्हें अपना गन्ना कम दाम में क्रेशरों पर बेचना पड़ रहा है.

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Published : May 14, 2019, 9:30 AM IST

गन्ना किसानों को नहीं मिल रही चीनी मिलों पर पर्ची.

सीतापुर: इस बार गन्ना किसानों को पर्चियां न मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में उनकी गन्ने की फसल खड़ी है. वहीं अगली फसल बोने के लिए उन्हें गन्ने की फसल काटने का इंतजार है. ऐसे में उन्हें क्रेशरों पर औने-पौने भाव में गन्ना बेचना पड़ रहा है.

गन्ना किसानों को नहीं मिल रही चीनी मिलों पर पर्ची.

जिले में चीनी मिलों की क्या है स्थिति

  • इस बार गन्ना विभाग में लगभग 3 लाख 75 हजार किसानों का पंजीकरण किया गया है.
  • पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 50 हजार किसानों की संख्या बढ़ी है.
  • जिले में कुल पांच चीनी मिलों को यह गन्ना सप्लाई किया जाता है. इनमें से चार निजी क्षेत्र की जबकि एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.

क्या है किसानों की समस्या

  • इस बार पर्चियों के वितरण की व्यवस्था चीनी मिलों से हटाकर समितियों के जिम्मे की गई थी.
  • इसके चलते सर्वे का कार्य करीब एक माह विलम्ब से शुरू हुआ.
  • ऐसे में किसानों को पर्चियां मिलने में काफी असुविधा हुई और मिलों को उनके गन्ने की सप्लाई नहीं हो पाई.
  • अभी भी किसानों के गन्ने की फसल खेत में खड़ी है और अगली फसल के लिए भी लेट हो रहा है.

इस बार किसानों की संख्या और गन्ना बुआई का क्षेत्रफल बढ़ने से कुछ समस्या जरूर हुई है. इसके कारण मिलों से पेराई क्षमता बढ़ाने को कहा गया है. अगले सीजन में यह समस्या दूर कर ली जाएगी.
-डॉ. दुष्यंत कुमार, जिला गन्ना अधिकारी

सीतापुर: इस बार गन्ना किसानों को पर्चियां न मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में उनकी गन्ने की फसल खड़ी है. वहीं अगली फसल बोने के लिए उन्हें गन्ने की फसल काटने का इंतजार है. ऐसे में उन्हें क्रेशरों पर औने-पौने भाव में गन्ना बेचना पड़ रहा है.

गन्ना किसानों को नहीं मिल रही चीनी मिलों पर पर्ची.

जिले में चीनी मिलों की क्या है स्थिति

  • इस बार गन्ना विभाग में लगभग 3 लाख 75 हजार किसानों का पंजीकरण किया गया है.
  • पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 50 हजार किसानों की संख्या बढ़ी है.
  • जिले में कुल पांच चीनी मिलों को यह गन्ना सप्लाई किया जाता है. इनमें से चार निजी क्षेत्र की जबकि एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.

क्या है किसानों की समस्या

  • इस बार पर्चियों के वितरण की व्यवस्था चीनी मिलों से हटाकर समितियों के जिम्मे की गई थी.
  • इसके चलते सर्वे का कार्य करीब एक माह विलम्ब से शुरू हुआ.
  • ऐसे में किसानों को पर्चियां मिलने में काफी असुविधा हुई और मिलों को उनके गन्ने की सप्लाई नहीं हो पाई.
  • अभी भी किसानों के गन्ने की फसल खेत में खड़ी है और अगली फसल के लिए भी लेट हो रहा है.

इस बार किसानों की संख्या और गन्ना बुआई का क्षेत्रफल बढ़ने से कुछ समस्या जरूर हुई है. इसके कारण मिलों से पेराई क्षमता बढ़ाने को कहा गया है. अगले सीजन में यह समस्या दूर कर ली जाएगी.
-डॉ. दुष्यंत कुमार, जिला गन्ना अधिकारी

Intro:सीतापुर:जिले में इस बार गन्ना किसानों को पर्चियां न मिलने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में उनका गन्ना खड़ा है और अगली फसल बोने के लिए उन्हें गन्ने की फसल काटने का इंतजार है जिसके चलते उन्हें गुड़ बेलो और क्रेशरों पर औने-पौने भाव मे गन्ना बेचना पड़ रहा है.

जिले में इस बार गन्ना विभाग में 3 लाख 75 हज़ार के करीब किसानों का पंजीकरण है.गत वर्ष की तुलना में इस बार 50 हज़ार किसानों की संख्या बढ़ी है. जनपद में कुल पांच चीनी मिलों को यह गन्ना सप्लाई किया जाता है, इनमें चार निजी क्षेत्र की चीनी मिलें है जबकि एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.

इस बार पर्चियों के वितरण की व्यवस्था चीनी मिलों से हटाकर समितियों के जिम्मे की गई थी, जिसके चलते सर्वे का कार्य करीब एक माह विलम्ब से शुरू हुआ. किसानों का कहना है कि इस बार उन्हें पर्चियां मिलने में काफी असुविधा हुई,लिहाज़ा मिलो को उनके गन्ने की सप्लाई नही हो पाई.उनका गन्ना खेतों में खड़ा है और उनकी अगली फसल भी लेट हो रही है. मजबूर होकर वे गुड़ बेल औऱ क्रेशरों पर औने पौने भाव मे गन्ना बेच रहे हैं.

इस बाबत जब जिला गन्ना अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बार किसानों की संख्या और गन्ना बुआई का क्षेत्रफल बढ़ने से कुछ समस्या जरूर हुई है जिसके कारण मिलो से पेराई क्षमता बढ़ाने को कहा गया है अगले सीज़न में यह समस्या दूर कर ली जाएगी.

बाइट-रामसेवक (गन्ना किसान)
बाइट-श्रीराम मौर्य (गन्ना किसान)
बाइट-डॉ दुष्यंत कुमार (जिला गन्ना अधिकारी)
पीटीसी-नीरज श्रीवास्तव

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887


Body:इस बार 50 हज़ार गन्ना किसानों की हुई वृद्धि


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