सीतापुर: भारत 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र के लिए हमारे देश के न जाने कितने लोगों ने अपनी कुर्बानियां देकर देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराया था, जबकि तमाम अमर शहीदों ने इस देश की सरहदों की हिफाजत के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा दी. ऐसे वीर सपूतों को जन्म देने के लिए सीतापुर का नाम अग्रिम पंक्ति में लिया जाता है.
लालबाग पार्क में मौजूद है शहीद स्तंभ
शहर के बीचोबीच स्थित लालबाग पार्क में 18 अगस्त 1942 को अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सभा कर रहे लोगों पर गोलियां चलाई गई थीं. इसमें 6 लोग शहीद हुए थे. उनके शहीद स्तंभ आज भी यहां मौजूद हैं, जो उनकी शहादत की याद ताजा कर रहे हैं.
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सीतापुर के माटी के हैं मनोज पाण्डेय
इसी आजाद भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए यहां के एक वीर सपूत कैप्टन मनोज पाण्डेय ने अपनी जान पर खेलकर दुश्मनों को धूल चटा दी थी और फिर देश के लिए शहीद हो गए थे. कैप्टन मनोज पाण्डेय को करगिल युद्ध का महानायक कहा जाता है. वे सीतापुर के कसमंडा ब्लॉक के रूढा गांव में जन्मे थे. गणतंत्र दिवस के खास मौके पर देश के लिए शहीद हुए इन वीर सपूतों को एक बार फिर नमन करते हैं.
आजादी में जिले का है योगदान
अन्नपूर्णा सेवा संस्थान के अध्यक्ष अनिल द्ववेदी बताते हैं कि इस जनपद का आजादी में जबरदस्त योगदान रहा है. इस लालबाग पार्क में जबरदस्त गोलीकांड हुआ था. यहां हमारे 6 बच्चे शहीद हो गए थे. कमलापुर के पास रूढ़ी के रहने वाले कैप्टन मनोज पाण्डेय ने कई दुश्मनों को मार कर विजयश्री हासिल की थी. उस युद्ध में विजय दिलाने में उनका बड़ा योगदान था.