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सीतापुरः बेजुबानों के लिए मसीहा बने नौजवान, भोजन और इलाज का कर रहे इंतजाम

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Published : Apr 9, 2020, 6:25 PM IST

निःशुल्क सेवा का व्रत लिए पिछले करीब एक दशक से सीतापुर गो सेवा समिति के लोग चोटिल और बीमार पशुओं का उपचार करते हैं. कोरोना को लेकर लॉकडाउन के बाद जब बाजार से लेकर मोहल्ले की सड़कों पर सन्नाटा पसरा तो इन बेजुबान जानवरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया.

cow service in lockdown
बेजुबानों को लॉकडाउन में चारा.

सीतापुर: कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर लागू किये गए लॉकडाउन ने बेजुबान और बेसहारा जानवरों के लिए संकट पैदा कर दिया है. चारो ओर सन्नाटा पसरा हुआ है और उनके खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं है.

भूखे पेट आकुल यह बेजुबान जानवर पेट की आग शांत करने के लिए तड़प रहे थे. तब ऐसे में शहर के नौजवानों की एक टीम ने प्रशासन से अनुमति लेकर उन्हें जीवन देने का जिम्मा संभाला. आज यह टीम शहर में दोनों वक्त घूमकर जानवरों को भोजन और इलाज की सुविधा उपलब्ध करा रही है.

गोवंशों के लिए खली-चारा की व्यवस्था
जानवरों को भूख-प्यास से तड़पते देख इस समिति के सदस्यों ने उन्हें भोजन-पानी उपलब्ध कराने का संकल्प लिया औऱ प्रशासन से अनुमति लेने के बाद शहर की सड़कों पर निकल पड़े.

dog food in lockdown
लॉकडाउन में कुत्तों को भोजन.

इस युवा टीम के सदस्य इन दिनों सुबह-शाम एक गाड़ी पर गोवंशों के लिए खली-चारा और कुत्तों के लिए बिस्किट लेकर निकलते हैं. शहर के मोहल्लों में घूम-घूमकर भोजन कराते हैं और पानी का भी इंतजाम करते हैं.

बाजार बंद होने से जानवरों के सामने खाने का संकट
दरअसल, आम दिनों में बाजार से लेकर शहर के मोहल्लों में लगने वाली बाजारों और होटल आदि से बची हुई भोजन सामग्री से ये जानवर अपना पेट भर लिया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से वे भूखे-प्यासे तड़प रहे हैं. ऐसे समय में इन युवाओं का यह सहयोग उनके लिए जीवनदान साबित हो रहा है.

सीतापुर: कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर लागू किये गए लॉकडाउन ने बेजुबान और बेसहारा जानवरों के लिए संकट पैदा कर दिया है. चारो ओर सन्नाटा पसरा हुआ है और उनके खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं है.

भूखे पेट आकुल यह बेजुबान जानवर पेट की आग शांत करने के लिए तड़प रहे थे. तब ऐसे में शहर के नौजवानों की एक टीम ने प्रशासन से अनुमति लेकर उन्हें जीवन देने का जिम्मा संभाला. आज यह टीम शहर में दोनों वक्त घूमकर जानवरों को भोजन और इलाज की सुविधा उपलब्ध करा रही है.

गोवंशों के लिए खली-चारा की व्यवस्था
जानवरों को भूख-प्यास से तड़पते देख इस समिति के सदस्यों ने उन्हें भोजन-पानी उपलब्ध कराने का संकल्प लिया औऱ प्रशासन से अनुमति लेने के बाद शहर की सड़कों पर निकल पड़े.

dog food in lockdown
लॉकडाउन में कुत्तों को भोजन.

इस युवा टीम के सदस्य इन दिनों सुबह-शाम एक गाड़ी पर गोवंशों के लिए खली-चारा और कुत्तों के लिए बिस्किट लेकर निकलते हैं. शहर के मोहल्लों में घूम-घूमकर भोजन कराते हैं और पानी का भी इंतजाम करते हैं.

बाजार बंद होने से जानवरों के सामने खाने का संकट
दरअसल, आम दिनों में बाजार से लेकर शहर के मोहल्लों में लगने वाली बाजारों और होटल आदि से बची हुई भोजन सामग्री से ये जानवर अपना पेट भर लिया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से वे भूखे-प्यासे तड़प रहे हैं. ऐसे समय में इन युवाओं का यह सहयोग उनके लिए जीवनदान साबित हो रहा है.

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