सीतापुर: जिले के अम्बरपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में एक गोष्ठी आयोजित की गई. गोष्ठी में किसानों को संबोधित करते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने जल बर्बादी के कारणों, दुष्प्रभाव, जल प्रदूषण एवं जल सरंक्षण के तौर तरीकों पर किसानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कुएं और तालाब जल विहीन होते जा रहे हैं. कई नदियां भी अस्तित्व विहीन हो चुकी हैं.
आने वाली पीढ़ी को जागरूक करना होगा
डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि मानव भूगर्भ जल का अवैज्ञानिक तरीके से अंधाधुंध दोहन करते जा रहा है. वर्षा जल के सरंक्षण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण पर्यावरण अत्यन्त ही खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. अतः इस दिशा में हम सबको सम्मिलित प्रयास करने की आवश्यकता है. हमें जल संरक्षण पर बहुत काम करने की जरूरत है, जिससे भूगर्भ जल के अंधाधुंध दोहन को रोका जा सके. जल का सदुपयोग और वर्षा जल का सरंक्षण का कार्य सामूहिक स्तर पर करना होगा. हमें अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ी को जागरूक करना होगा. उनमें पौध रोपण, जल संरक्षण करने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने की आदत डालनी होगी. तभी हमारी धरती भावी पीढ़ी के रहने लायक रह सकेगी.
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पानी के लिए होगी मार-काट
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. सुरेश सिंह ने कहा कि आज हम आधुनिकता की अंधी दौड़ में अपने भौतिक सुख के लिए भूगर्भ जल का अंधाधुंध दोहन करते जा रहे हैं. इसका दुष्परिणाम हमारी अगली पीढ़ी को अवश्य ही झेलना पड़ेगा. हमारी आने वाली पीढ़ी प्रदूषित हवा और पानी के कारण बीमार रहेगी और अकाल मौतें होंगी. पानी के लिए मार-काट मचेगी. लिहाजा इस दिशा में हम सबको सम्मिलित प्रयास करने होंगे. वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण को घटाने के सभी उपाय तत्काल ईमानदारी के साथ शुरू करने होंगे.