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सीतापुर: नहीं थम रहा मलेरिया का प्रकोप, लगातार मिल रहे हैं मरीज

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में लगातार मिल रहे मलेरिया के मरीजों से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है.स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मलेरिया पर भी अंकुश लगाने की कवायद शुरू की है.

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Published : Sep 21, 2019, 9:27 PM IST

मलेरिया का प्रकोप जारी.

सीतापुर: प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान का गांवो में कोई खास असर नही दिखाई दे रहा है.भीषण गंदगी के कारण मच्छर पैदा हो रहे हैं और मच्छरों से मलेरिया रोग का प्रकोप फैल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मलेरिया पर भी अंकुश लगाने की कवायद शुरू की है.

जानकारी देते सीएमओ

शहर और ग्रामीण दोनों ही इलाकों में स्वच्छता अभियान के नाम पर पानी की तरह पैसा खर्च किया जा रहा है. गांवों की साफ- सफाई के भी खास इंतजाम किए गए हैं. इसके बावजूद गंदगी का साम्राज्य कायम है. गंदगी के कारण ही मच्छरों का प्रकोप भी फैला हुआ है. इन्हीं मच्छरों के कारण मलेरिया की बीमारी भी पैर पसार रही है.

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक चालू वर्ष में मलेरिया के 600 केस पंजीकृत हुए हैं, जबकि चालू माह में एक दर्जन केस सामने आए हैं. मलेरिया के यह आंकड़े जिले में गन्दगी और मच्छरों के प्रकोप की गवाही दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें:-लखनऊ: अस्पताल के चारों तरफ फैली गंदगी, जमीनी विवाद बता जिम्मेदारों ने खड़े किए हाथ

विशेष किस्म की गम्बूजिया मछली को तालाबों में डलवाया जा रहा है, जो मलेरिया के लार्वा को समाप्त करती है. इसके साथ ही मलेरिया की जांच और उपचार की भी समुचित व्यवस्था की जा रही है.
-डॉ. आरके नैय्यर, सीएमओ

सीतापुर: प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान का गांवो में कोई खास असर नही दिखाई दे रहा है.भीषण गंदगी के कारण मच्छर पैदा हो रहे हैं और मच्छरों से मलेरिया रोग का प्रकोप फैल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मलेरिया पर भी अंकुश लगाने की कवायद शुरू की है.

जानकारी देते सीएमओ

शहर और ग्रामीण दोनों ही इलाकों में स्वच्छता अभियान के नाम पर पानी की तरह पैसा खर्च किया जा रहा है. गांवों की साफ- सफाई के भी खास इंतजाम किए गए हैं. इसके बावजूद गंदगी का साम्राज्य कायम है. गंदगी के कारण ही मच्छरों का प्रकोप भी फैला हुआ है. इन्हीं मच्छरों के कारण मलेरिया की बीमारी भी पैर पसार रही है.

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक चालू वर्ष में मलेरिया के 600 केस पंजीकृत हुए हैं, जबकि चालू माह में एक दर्जन केस सामने आए हैं. मलेरिया के यह आंकड़े जिले में गन्दगी और मच्छरों के प्रकोप की गवाही दे रहे हैं.

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विशेष किस्म की गम्बूजिया मछली को तालाबों में डलवाया जा रहा है, जो मलेरिया के लार्वा को समाप्त करती है. इसके साथ ही मलेरिया की जांच और उपचार की भी समुचित व्यवस्था की जा रही है.
-डॉ. आरके नैय्यर, सीएमओ

Intro:सीतापुर : प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान का गांवो में कोई खास असर नही दिखाई दे रहा है.भीषण गंदगी के कारण मच्छर पैदा हो रहे हैं और मच्छरो से मलेरिया रोग का प्रकोप फैल रहा है.स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मलेरिया पर भी अंकुश लगाने की कवायद शुरू की है साथ ही एक विशेष किस्म की गम्बूजिया मछली की मदद से मच्छरों के लार्वा खत्म करने की पहल करने का भी दावा किया है.


Body:शहर और ग्रामीण दोनो ही इलाकों में स्वच्छता अभियान के नाम पर पानी की तरह पैसा खर्च किया जा रहा है.गांवो की साफ- सफाई के भी खास इंतजाम किए गए हैं बावजूद इसके गंदगी का साम्राज्य कायम है. गंदगी के कारण ही मच्छरों का प्रकोप भी फैला हुआ है. इन्ही मच्छरों के कारण मलेरिया की बीमारी भी पैर पसार रही है.स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक चालू वर्ष में मलेरिया के 600 केस पंजीकृत हुए हैं जबकि चालू माह में एक दर्जन केस सामने आए हैं. मलेरिया के यह आंकड़े जिले में गन्दगी और मच्छरों के प्रकोप की गवाही दे रहे हैं.


Conclusion:इस संबंध में जब हमने सीएमओ से बात की तो उन्होंने इसके प्रकोप को स्वीकार करते हुए बताया कि विशेष किस्म की गम्बूजिया मछली की तालाबों में डलवाया जा रहा है जो मलेरिया के लार्वा को समाप्त करती है इसके साथ ही मलेरिया की जांच और उपचार की भी समुचित व्यवस्था की जा रही है.

बाइट-डॉ आर. के. नैय्यर (सीएमओ)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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