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सीतापुर: विकास कार्यों के धन का बड़े पैमाने पर बंदरबांट, हाईकोर्ट के आदेश पर जांच शुरू

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Published : Feb 29, 2020, 12:35 PM IST

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में ग्राम पंचायत अधिकारियों की मिली भगत से, विकास कार्यों के नाम पर घोटाले का मामला सामने आया है. हाईकोर्ट के आदेश पर जब जिलाधिकारी ने जांच शुरू कराई तो मामला प्रकाश में आया.

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विकास कार्यों के पैसों में हुई धांधली

सीतापुर: उच्च न्यायालय के आदेश पर जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम की जांच में ग्राम पंचायत स्तर पर घोटाला प्रकाश में आया है. मामला विकास खण्ड गोंदलामऊ क्षेत्र के ग्राम पंचायत भीखपुर का है. ये मामला साल 2017-18 से वर्तमान तक का है. राज्य सरकार और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में विकास के लिए भेजी गयी धनराशि में ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारियों ने मिलकर धांधली की है.

विकास कार्यों के पैसों में हुई धांधली.

इस घोटाले की शिकायत ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से प्रदेश के उच्च अधिकारियों और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक की थी. लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट के आदेश पर जिला मजिस्ट्रेट ने 24 जनवरी 2020 को जांच के आदेश जारी किए. पत्रांक संख्या 6,625 में जिला सहायक निबन्धक सहकारी समिति सीतापुर को जांच अधिकारी और अधिशासी अभियन्ता शारदा नहर प्रखण्ड सीतापुर को तकनीकी जांच के लिए नामित किया गया था.

शुक्रवार को ग्राम पंचायत में जांच करने पहुंचे सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता विवेक सिंह ने ग्राम पंचायत भीखपुर के 5 कार्यों को देखा. मौके पर 4 कार्यों में अनियमितता पायी गई.

जांच के दौरान खुलासा हुआ, कि सीसी रोड निर्माण के नाम पर आये धन को फर्जी तरीके से जेई से पास कराकर ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा निकाला गया.

इसे भी पढ़ें:- आजम खां को सीतापुर जेल में शिफ्ट करने का मामला, रामपुर जेलर कोर्ट में हुए पेश

सीतापुर: उच्च न्यायालय के आदेश पर जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम की जांच में ग्राम पंचायत स्तर पर घोटाला प्रकाश में आया है. मामला विकास खण्ड गोंदलामऊ क्षेत्र के ग्राम पंचायत भीखपुर का है. ये मामला साल 2017-18 से वर्तमान तक का है. राज्य सरकार और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में विकास के लिए भेजी गयी धनराशि में ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारियों ने मिलकर धांधली की है.

विकास कार्यों के पैसों में हुई धांधली.

इस घोटाले की शिकायत ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से प्रदेश के उच्च अधिकारियों और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक की थी. लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट के आदेश पर जिला मजिस्ट्रेट ने 24 जनवरी 2020 को जांच के आदेश जारी किए. पत्रांक संख्या 6,625 में जिला सहायक निबन्धक सहकारी समिति सीतापुर को जांच अधिकारी और अधिशासी अभियन्ता शारदा नहर प्रखण्ड सीतापुर को तकनीकी जांच के लिए नामित किया गया था.

शुक्रवार को ग्राम पंचायत में जांच करने पहुंचे सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता विवेक सिंह ने ग्राम पंचायत भीखपुर के 5 कार्यों को देखा. मौके पर 4 कार्यों में अनियमितता पायी गई.

जांच के दौरान खुलासा हुआ, कि सीसी रोड निर्माण के नाम पर आये धन को फर्जी तरीके से जेई से पास कराकर ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा निकाला गया.

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