सीतापुर: इस समय किसानों को रबी की फसल की बुवाई के लिए पानी की जरूरत है, लेकिन पिछले एक वर्ष से बगइय्या नहर (खारजा) में पानी न छोड़े जाने से नहर सूखी पड़ी है. क्षेत्र के किसान टकटकी लगाए राह देख रहे हैं कि कब नहर में पानी आएगा और उनकी फसलों की बुवाई होगी. वहीं जिन किसानों ने गेहूं की फसल की बुवाई कर ली है, वह फसल की सिंचाई के लिए नहर में पानी का इंतजार कर रहे हैं.
सिधौली विकास खण्ड क्षेत्र में स्थित बगइय्या जंक्शन से अकबरपुर गांव तक जाने वाली नहर की अभी तक सफाई नहीं कराई जा सकी है. रबी की फसल की बुवाई के समय कभी भी इस नहर में समय से पानी नहीं आता है, जिससे किसानों को गेहूं, जौ और चना जैसी फसलों को बुवाई करने के लिये पलेवा करने का इंतजार करना पड़ता है. इसके चलते गेहूं की बुवाई लेट हो जाती है.
वहीं जो किसान किसी तरह से फसल की बुवाई कर भी लेते हैं तो वह फसलों की सिंचाई समय पर नहीं कर पाते हैं, जिससे किसानों को जो उपज मिलनी चाहिए वो नहीं मिल पाती है. बुवाई लेट होने पर किसान कितना भी महंगा उन्नत तकनीक का बीज लेकर बुवाई करे तब भी फसल की पैदावार में काफी कमी हो जाती है या फिर फसल खराब हो जाती है.
आमतौर पर किसान नवंबर में पलेवा कर दो सप्ताह बाद बुवाई करने के लिए खेत को तैयार करते हैं. अभी कहीं-कहीं कुछ किसान निजी नलकूपों से खेतों में पलेवा कर फसल की बुवाई कर रहे हैं, जबकि अधिकांश किसानों को नहर में पानी आने का इंतजार है. दिसंबर माह का पहला सप्ताह चल रहा है, लेकिन अभी तक नहर की न सफाई कराई जा सकी है और न ही इसमें पानी छोडा गया है. यदि दिसंबर माह के अंत तक नहर की सफाई कराकर विभाग पानी भी नहर में छोड़ेगा तो फिर जनवरी आ जाएगी और तब तक गेहूं की बुवाई का समय भी खत्म हो जाएगा.
किसान श्रीचन्द्र, नीरज सिंह, श्रवण कुमार, राम स्वरूप, तुलसीराम आदि ने बताया कि क्षेत्र के बगइय्या जंक्शन से अकबरपुर वाया गोमती नदी तक जाने वाली इस नहर की अभी तक सफाई नहीं कराई जा सकी है. दिसंबर माह भी शुरू हो चुका है, लेकिन कब इसकी सफाई होगी और कब इस नहर में पानी आयेगा, इसका कुछ पता नहीं है. जब किसानों को पानी की जरूरत होती है तब पानी नहीं आता है. लगभग एक वर्ष से इस नहर में पानी नहीं आया है. इस बार बारिश हो गई तो अधिकांश किसानों ने फसल की बुवाई कर ली है, लेकिन फसल में पानी लगाने का समय आ रहा है और पानी नही छोड़ा गया है.
किसानों ने कहा कि यदि फसल में समय से पानी नहीं मिलेगा तो पैदावार में कमी हो जाएगी या फिर फसल खबर भी हो सकती है. फसलों को खराब होने से बचाने के लिए किसान निजी नलकूपों से महगें दामों पर सिंचाई करने के लिए बाध्य हो जाते हैं. क्षेत्र के गजोधरपुर, रिवान, सराय, बनौगा, कोल, बिरसिंहपुर, बेलहापुर, रामनगर, अकबरपुर आदि दर्जनों गांवों के किसान को नहर में पानी आने का इंतजार है.