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सीतापुर: बकाया भुगतान को लेकर जिलाधिकारी से मिले प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी

भारतीय मजदूर संघ के तत्वावधान में प्लाईवुड कर्मचारी संघ के लोगों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर फैक्ट्री के अधिग्रहण की कार्रवाई के लिए भारत सरकार को पत्र भेजने का अनुरोध किया.

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Published : Mar 11, 2019, 8:03 PM IST

प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी डीएम से मिले

सीतापुर : करीब दो दशक से बंद पड़ी सीतापुर प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी अब भी अपने बकाया भुगतान को पाने के लिए संघर्ष करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी से मुलाकात कर फैक्ट्री का अधिग्रहण करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखने और अपने बकाया भुगतान के लिए कार्रवाई करने की मांग की.

भारतीय मजदूर संघ के तत्वावधान में प्लाईवुड कर्मचारी संघ के लोगों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर पिछले समय मे हुई कार्रवाई से उन्हें अवगत कराया. इसके साथ ही फैक्ट्री के अधिग्रहण की कार्रवाई के लिए भारत सरकार को पत्र भेजने का अनुरोध किया.

सीतापुर: बकाया भुगतान को लेकर जिलाधिकारी से मिले प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी

कर्मचारियों ने बताया कि यह अंग्रेजों द्वारा स्थापित फैक्ट्री थी और फेरा कानून के तहत इसका स्वामित्व परिवर्तन नही हो सकता है. इस फैक्ट्री में बन्दी के समय पांच सौ से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत थे, जिनका तमाम बकाया अभी बाकी है. इसमे पेंशन, ग्रेच्युटी आदि भी शामिल है. इस बकाया भुगतान के लिए यहां के अधिकारी जांच कर शासन को रिपोर्ट भेजने की कार्रवाई करें ताकि अब जीवित बचे कर्मचारियों का जीवन भुखमरी की स्थिति से बच सके.

मजदूर संगठन के नेताओं ने बताया कि अभी करोड़ों रुपये का बकाया फैक्ट्री के ऊपर है. फिर भी कानूनी पेंच निकालकर इस भुगतान को लटकाया जा रहा है. सरकार इस फैक्ट्री का अधिग्रहण करके उसके मुआवजे की क्षतिपूर्ति के रूप में अगर कर्मचारियों का बकाया भुगतान कर दे तो इससे सारी समस्या का समाधान हो सकता है. फिलहाल डीएम ने प्रतिनिधिमंडल को मामले की जांच और वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए चार दिन का समय दिया है.

सीतापुर : करीब दो दशक से बंद पड़ी सीतापुर प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी अब भी अपने बकाया भुगतान को पाने के लिए संघर्ष करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी से मुलाकात कर फैक्ट्री का अधिग्रहण करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखने और अपने बकाया भुगतान के लिए कार्रवाई करने की मांग की.

भारतीय मजदूर संघ के तत्वावधान में प्लाईवुड कर्मचारी संघ के लोगों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर पिछले समय मे हुई कार्रवाई से उन्हें अवगत कराया. इसके साथ ही फैक्ट्री के अधिग्रहण की कार्रवाई के लिए भारत सरकार को पत्र भेजने का अनुरोध किया.

सीतापुर: बकाया भुगतान को लेकर जिलाधिकारी से मिले प्लाईवुड फैक्ट्री के कर्मचारी

कर्मचारियों ने बताया कि यह अंग्रेजों द्वारा स्थापित फैक्ट्री थी और फेरा कानून के तहत इसका स्वामित्व परिवर्तन नही हो सकता है. इस फैक्ट्री में बन्दी के समय पांच सौ से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत थे, जिनका तमाम बकाया अभी बाकी है. इसमे पेंशन, ग्रेच्युटी आदि भी शामिल है. इस बकाया भुगतान के लिए यहां के अधिकारी जांच कर शासन को रिपोर्ट भेजने की कार्रवाई करें ताकि अब जीवित बचे कर्मचारियों का जीवन भुखमरी की स्थिति से बच सके.

मजदूर संगठन के नेताओं ने बताया कि अभी करोड़ों रुपये का बकाया फैक्ट्री के ऊपर है. फिर भी कानूनी पेंच निकालकर इस भुगतान को लटकाया जा रहा है. सरकार इस फैक्ट्री का अधिग्रहण करके उसके मुआवजे की क्षतिपूर्ति के रूप में अगर कर्मचारियों का बकाया भुगतान कर दे तो इससे सारी समस्या का समाधान हो सकता है. फिलहाल डीएम ने प्रतिनिधिमंडल को मामले की जांच और वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए चार दिन का समय दिया है.

Intro:सीतापुर: करीब दो दशक से बंद पड़ी एशिया प्रसिद्ध सीतापुर प्लायवुड फैक्ट्री के कर्मचारी अब भी अपने बकाया भुगतान को पाने के लिए संघर्ष करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी से मुलाकात कर फैक्ट्री का अधिग्रहण करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखने और अपने बकाया भुगतान के लिए कार्यवाही करने की मांग की.

भारतीय मजदूर संघ के तत्वावधान में प्लाईवुड कर्मचारी संघ के लोगों ने अपने संघर्ष की कड़ी में जिलाधिकारी से मुलाकात कर पिछले समय मे हुई कार्यवाही से उन्हें अवगत कराने के साथ ही फैक्ट्री के अधिग्रहण की कार्यवाही के लिए भारत सरकार को पत्र भेजने का अनुरोध किया, कर्मचारी नेताओ ने बताया कि यह अंग्रेजों द्वारा स्थापित फैक्ट्री थी और फेरा कानून के तहत इसका स्वामित्व परिवर्तन नही हो सकता है. इस फैक्ट्री में बन्दी के समय 5 सौ से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत थे जिनका तमाम बकाया अभी बाकी है जिसमे पेंशन ग्रेच्युटी आदि भी शामिल है,इस बकाया भुगतान के लिए यहां के अधिकारी जांच कर शासन को रिपोर्ट भेजने की कार्यवाही करें,ताकि अब जीवित बचे कर्मचारियों की जीवन भुखमरी की स्थिति से बच सके.

मजदूर संगठन के नेताओं ने बताया कि अभी करोड़ो रूपये का बकाया फैक्ट्री के ऊपर है फिर भी कानूनी पेंच निकालकर इस भुगतान को लटकाया जा रहा है,सरकार इस फैक्ट्री का अधिग्रहण करके उसके मुआवजे की क्षतिपूर्ति के रूप में अगर कर्मचारियों का बकाया भुगतान कर दे तो इससे सारी समस्या का समाधान हो सकता है, फिलहाल डीएम ने प्रतिनिधिमंडल को मामले की जांच और वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए चार दिन का समय दिया.

बाइट-बचान प्रसाद यादव (नेता भारतीय मज़दूर संघ)
बाइट-आर्यबन्धु (मंत्री-प्लाईवुड कर्मचारी संघ)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887


Body:डीएम ने चार दिन का समय दिया


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