ETV Bharat / state

चौरासी कोसी परिक्रमा का ग्यारहवां पांच दिवसीय पड़ाव शुरू - CHAURASI KOSI PARIKRAMA

पन्द्रह दिवसीय धार्मिक चौरासी कोसीय रामादल परिक्रमा का आगाज रविवार को हुआ. पड़ाव स्थल पर पहुंचते ही सन्त, महन्तों और गृहस्थों ने अपने-अपने डेरे डालने शुरू कर दिए.

etv bharat
चौरासी कोसी परिक्रमा का ग्यारहवां पांच दिवसीय पड़ाव शुरु
author img

By

Published : Mar 13, 2022, 10:42 PM IST

सीतापुर: मिश्रिख नैमिषारण्य की विश्व प्रसिध्द पौराणिक तपोभूमि से शुरू होने वाली पन्द्रह दिवसीय धार्मिक चौरासी कोसीय रामादल परिक्रमा का आगाज रविवार को फाल्गुन मास की एकादशी को डंकावाले बाबा नन्हकू दास की अगुवाई में दसवें पड़ाव चित्रकूट में डंका बजते ही ग्यारहवे पड़ाव मिश्रिख तीर्थ के लिए प्रस्थान किया. जहां पांच दिनों तक पंचकोसी परिक्रमा में शामिल होने के लिए चल दिए.

पड़ाव स्थल पर पहुंचते ही सन्त महन्तों और गृहस्थों ने अपने-अपने डेरे डालने शुरू कर दिए. बाद में परिक्रमार्थियों ने दधीचि कुंड तीर्थ में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं, सन्तों, महन्तों और गृहस्थों ने मोक्ष की कामना मन में संजोए आस्था और भक्ति के साथ रामनाम और दधीचि बाबा, हर हर महादेव के जयकारों के बीच पंचकोसी परिक्रमा शुरू की. दधीचि की पावन तपोभूमि पर चारों ओर सैकड़ों पंडालों में हो रहे भक्तिमय रामनाम जाप, भागवत कथा, भजन कीर्तन सहित शंख, घंटों की ध्वनि से सारा वातावरण गुंजायमान हो उठा.

इसे भी पढ़ेंः चौरासी कोसी परिक्रमा स्थल के विकास को लेकर डीएम ने की बैठक

रामादल परिक्रमा में देश-विदेश और दूरदराज से आए लगभग चार लाख से अधिक गृहस्थ, सन्त, संन्यासी, महन्त, वैरागी, ब्रह्मचारी, मठधीश, कबीर पंथी, नानकपथी, त्यागी, नागा आदि की टोलियां गाजे-बाजे के साथ अपने काफिलों के साथ पैदल चलते हुए दिखाई दिए. परिक्रमा पथ पर पीनस, पालकी, हाथी, घोड़ा, कार जीप, साइकिल, ठेलिया, टैक्टर-ट्रॉली, बैलगाड़ी की भी आमद दिखी. रामादल बाबा की जय के साथ ही बम-बम भोले और भजन कीर्तन, ढोल खझरी, मंजीरा बजाते हुए श्रद्धालु आस्था और भक्ति के संगम में हिलोरें लेते दिखें.

पड़ोसी नेपाल देश से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं को भजन कीर्तन करते हुए पथ पर जाते हुए देखा गया. परिक्रमा में आई हुई भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा किए गए सभी प्रकार के प्रबन्ध नाकाफी दिखे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

सीतापुर: मिश्रिख नैमिषारण्य की विश्व प्रसिध्द पौराणिक तपोभूमि से शुरू होने वाली पन्द्रह दिवसीय धार्मिक चौरासी कोसीय रामादल परिक्रमा का आगाज रविवार को फाल्गुन मास की एकादशी को डंकावाले बाबा नन्हकू दास की अगुवाई में दसवें पड़ाव चित्रकूट में डंका बजते ही ग्यारहवे पड़ाव मिश्रिख तीर्थ के लिए प्रस्थान किया. जहां पांच दिनों तक पंचकोसी परिक्रमा में शामिल होने के लिए चल दिए.

पड़ाव स्थल पर पहुंचते ही सन्त महन्तों और गृहस्थों ने अपने-अपने डेरे डालने शुरू कर दिए. बाद में परिक्रमार्थियों ने दधीचि कुंड तीर्थ में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं, सन्तों, महन्तों और गृहस्थों ने मोक्ष की कामना मन में संजोए आस्था और भक्ति के साथ रामनाम और दधीचि बाबा, हर हर महादेव के जयकारों के बीच पंचकोसी परिक्रमा शुरू की. दधीचि की पावन तपोभूमि पर चारों ओर सैकड़ों पंडालों में हो रहे भक्तिमय रामनाम जाप, भागवत कथा, भजन कीर्तन सहित शंख, घंटों की ध्वनि से सारा वातावरण गुंजायमान हो उठा.

इसे भी पढ़ेंः चौरासी कोसी परिक्रमा स्थल के विकास को लेकर डीएम ने की बैठक

रामादल परिक्रमा में देश-विदेश और दूरदराज से आए लगभग चार लाख से अधिक गृहस्थ, सन्त, संन्यासी, महन्त, वैरागी, ब्रह्मचारी, मठधीश, कबीर पंथी, नानकपथी, त्यागी, नागा आदि की टोलियां गाजे-बाजे के साथ अपने काफिलों के साथ पैदल चलते हुए दिखाई दिए. परिक्रमा पथ पर पीनस, पालकी, हाथी, घोड़ा, कार जीप, साइकिल, ठेलिया, टैक्टर-ट्रॉली, बैलगाड़ी की भी आमद दिखी. रामादल बाबा की जय के साथ ही बम-बम भोले और भजन कीर्तन, ढोल खझरी, मंजीरा बजाते हुए श्रद्धालु आस्था और भक्ति के संगम में हिलोरें लेते दिखें.

पड़ोसी नेपाल देश से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं को भजन कीर्तन करते हुए पथ पर जाते हुए देखा गया. परिक्रमा में आई हुई भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा किए गए सभी प्रकार के प्रबन्ध नाकाफी दिखे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.