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लॉकडाउन: आम की सप्लाई रुकने से व्यापारी परेशान, हो रहा लाखों का घाटा

कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लॉकडाउन है. दरअसल सीतापुर का खैराबाद इलाका कोरोना हॉटस्पॉट घोषित किया गया है. यहां किसी को भी घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है. संकट के इस समय में यहां के आम कारोबारी परेशान हैं. वहीं ओलावृष्टि के कारण पहले ही यहां आम की फसल बर्बाद हो चुकी है.

आम के कारोबारी परेशान
आम के कारोबारी परेशान
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Published : May 10, 2020, 10:10 AM IST

सीतापुर: कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन के कारण मैंगो बेल्ट कहे जाने वाले खैराबाद में आम का कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. ओलावृष्टि के कारण पहले से ही चोट खाये किसान और आम कारोबारियों के लिए यह दौर और मुसीबत भरा साबित हो रहा है. लॉकडाउन के कारण दूसरे प्रदेशों से आम का कारोबार नहीं होने से किसान इस बार भारी नुकसान की आशंका जता रहे हैं.

लॉकडाउन में परेशान आम कारोबारी
सूबे की राजधानी से सटे सीतापुर का खैराबाद इलाका मैंगोबेल्ट के रूप में जाना जाता है. यहां आम की बड़े-बड़े बगीचे हैं, जिनमे आम के कई किस्म जैसे सफेदा, लंगड़ा, तोतापरी, बम्बईया और तुकमी आदि के पेड़ लगे हुए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा पेड़ दशहरी आम के हैं. आम के सीजन में सबसे ज्यादा मांग और आपूर्ति भी दशहरी की ही होती है. वहीं इस बार हुई ओलावृष्टि में आम के बौर का काफी नुकसान हुआ था.

बागवान इस स्थिति से उबर नहीं पाए थे कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन घोषित कर दिया. लॉकडाउन के बाद खैराबाद में करीब दस लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने से इस इलाके को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया. जिसमें लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी है. संकट के इस समय में देख-रेख के अभाव और व्यापारियों के अनुबंध के अभाव में आम का कारोबार ही लॉक होकर रह गया है.

ईटीवी भारत की टीम ने जब इस क्षेत्र के आम कारोबारियों से इस बारे में बातचीत की. बातचीत में उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण इस बार दूसरे प्रदेशों के व्यापारी भी यहां के बागवानों से आम की मांग नहीं कर पा रहे हैं. चूंकि इस बार ओलावृष्टि के कारण फसल पहले से ही बर्बाद हो चुकी है, और ऐसे में यदि जल्द ही लॉकडाउन नहीं खुला और दूसरे प्रदेशों में आम की सप्लाई मुमकिन नहीं हुई तो आम के कारोबारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.

सीतापुर: कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन के कारण मैंगो बेल्ट कहे जाने वाले खैराबाद में आम का कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. ओलावृष्टि के कारण पहले से ही चोट खाये किसान और आम कारोबारियों के लिए यह दौर और मुसीबत भरा साबित हो रहा है. लॉकडाउन के कारण दूसरे प्रदेशों से आम का कारोबार नहीं होने से किसान इस बार भारी नुकसान की आशंका जता रहे हैं.

लॉकडाउन में परेशान आम कारोबारी
सूबे की राजधानी से सटे सीतापुर का खैराबाद इलाका मैंगोबेल्ट के रूप में जाना जाता है. यहां आम की बड़े-बड़े बगीचे हैं, जिनमे आम के कई किस्म जैसे सफेदा, लंगड़ा, तोतापरी, बम्बईया और तुकमी आदि के पेड़ लगे हुए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा पेड़ दशहरी आम के हैं. आम के सीजन में सबसे ज्यादा मांग और आपूर्ति भी दशहरी की ही होती है. वहीं इस बार हुई ओलावृष्टि में आम के बौर का काफी नुकसान हुआ था.

बागवान इस स्थिति से उबर नहीं पाए थे कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन घोषित कर दिया. लॉकडाउन के बाद खैराबाद में करीब दस लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने से इस इलाके को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया. जिसमें लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी है. संकट के इस समय में देख-रेख के अभाव और व्यापारियों के अनुबंध के अभाव में आम का कारोबार ही लॉक होकर रह गया है.

ईटीवी भारत की टीम ने जब इस क्षेत्र के आम कारोबारियों से इस बारे में बातचीत की. बातचीत में उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण इस बार दूसरे प्रदेशों के व्यापारी भी यहां के बागवानों से आम की मांग नहीं कर पा रहे हैं. चूंकि इस बार ओलावृष्टि के कारण फसल पहले से ही बर्बाद हो चुकी है, और ऐसे में यदि जल्द ही लॉकडाउन नहीं खुला और दूसरे प्रदेशों में आम की सप्लाई मुमकिन नहीं हुई तो आम के कारोबारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.

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