सीतापुर: तीर्थ यात्रा और भागवत कथा का श्रवण पान करने के उद्देश्य से 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य आए 50 से अधिक श्रद्धालु लॉकडाउन में फंस गए हैं. इन तीर्थयात्रियों ने अपने घर वापस लौटने के लिए स्थानीय प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका. आखिरकार रविवार को इन श्रद्धालुओं ने पैदल ही घर जाने के लिए कूच कर दिया, जिस पर प्रशासन ने उन्हें रोक दिया और जल्द ही व्यवस्था करने का आश्वासन दिया.
बीती 16 मार्च को नैमिष स्थित उड़िया आश्रम (बंगाली मठ) में ओडिशा के ब्लाइंगिर एवं पूरी गंजम जनपद से 51 श्रद्धालु यहां भागवत कथा का आयोजन करने आये थे. उनके यहां ठहरने के दौरान ही कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लागू हो गया. उसके बाद से सभी श्रद्धालु यहीं नैमिषारण्य में फंसे हुए हैं. इन श्रद्धालुओं में 60 वर्ष से अधिक उम्र के 30 नागरिक हैं. वहीं 3 बच्चे भी हैं.
श्रद्धालुओं के टीम लीडर डीएम व एसडीएम से कई बार घर वापस भेजने का अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका, जिसके बाद रविवार को इन श्रद्धालुओं के सब्र का बांध टूट गया और वो पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े थे. स्थानीय पुलिस ने उनसे काफी अनुनय विनय की, जिस पर श्रद्धालुओं का रोष कुछ कम हुआ और वे आश्रम वापस लौट आये.
उन्होंने बताया कि वे कथा के उद्देश्य से यहां आए थे, लेकिन अब दो माह का समय घर से बाहर बीत रहा है, जिससे यहां अब रुक पाना मुश्किल हो रहा है. प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है.
सीतापुर: सरकारी क्रय केन्द्र किसानों से सीधे खरीद रहे गेहूं, अब तक 20,144 क्विंटल गेहूं की हुई खरीद
इस संबंध में एसडीएम मिश्रिख राजीव पाण्डेय का कहना है कि नैमिषारण्य में ओडिशा के 51 और आंध्र प्रदेश के 8 लोग फंसे हुए हैं. इन्हें घर वापस भेजे जाने के अनुरोध पर वहां की राज्य सरकारों से पत्राचार किया गया, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. जैसे ही कोई पत्र प्राप्त होगा, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल इन सबके भोजन आदि की व्यवस्था प्रशासन द्वारा कराई जा रही है.