सीतापुर: जिले के लोगों को स्वस्थ मनोरंजन और प्राकृतिक नजारे मुहैया कराने के उद्देश्य से शहर के एक छोर पर स्थापित किये गए इलसिया बाल वनोद्यान को इन दिनों सजाने-संवारने के कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. वन विभाग द्वारा इसमें रंग-रोगन के साथ नहरों की सफाई और झूलों की मरम्मत का काम भी तेजी से कराया जा रहा है, ताकि आगन्तुकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें. वहीं आचार्य नरेन्द्र देव पार्क में कार्य अभी पूरा नहीं हो सका है, जिसके चलते लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि विभाग ने उस पर करीब 8 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर रखी है.
शहर में 1995 में इलसिया बाल वन उद्यान का निर्माण वन विभाग द्वारा कराया गया था, जिसका लोकार्पण तत्कालीन वन मंत्री भगवती सिंह ने किया था. करीब 5 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इस पार्क में बोटिंग के अलावा बच्चों के मनोरंजन के लिए हाथी, जिराफ और अन्य प्रकार के झूले आदि लगे हुए हैं. कोरोना काल में करीब सात माह तक इस पार्क का संचालन पूरी तरह से बंद रहा. इस पार्क को पिछले दिनों आगन्तुकों के लिए खोल तो दिया गया है, किंतु पार्क के भीतर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का कार्य अभी भी युद्धस्तर पर चल रहा है.
कोरोना काल में पार्क बंद होने के कारण इसकी स्थिति काफी खराब हो गई थी, जिसका अब कायाकल्प कराया जा रहा है. इस पार्क की नहर का पानी निकालकर उसकी पेंटिंग करा दी गई है. एक सप्ताह के भीतर इसमें साफ पानी भरवाकर बोटिंग शुरू करा दी जायेगी. पार्क में लगे झूले, हाथी, जिराफ और सारस आदि की मरम्मत और रंगरोगन का काम जल्द ही पूरा करा लिया जायेगा. यह शहर का एकमात्र ऐसा पार्क है, जिसे प्राकृतिक सौंदर्य और मनोरंजन की दृष्टि से विकसित किया गया है. इसमें किसानों से जुड़ी जानकारियां और फिश एक्वेरियम भी उपलब्ध है.
महमूद आलम, वन क्षेत्राधिकारी
वहीं, इस पार्क से सटे दूसरे पार्क आचार्य नरेन्द्र देव पार्क को विकसित किये जाने के लिए सपा सरकार ने अपने सालाना बजट में 10 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव रखा था. इसके लिए बजट भी पास हुआ. इसके बावजूद इसका काम अभी तक अधूरा है. इस कारण आम जनता को उस पार्क का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
इसके संबंध में पूछे जाने पर वन क्षेत्राधिकारी महमूद आलम ने बताया कि आचार्य नरेन्द्र देव पार्क के लिए 10.16 लाख रुपये का बजट पास किया गया था, जिसे विभाग ने रिवाइज करके करीब 8 करोड़ 14 लाख रुपया कर दिया था. इस धनराशि से 15 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले इस पार्क में स्वीमिंग पूल, वाच टावर, सड़क, चारदीवारी और टॉयलेट का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था. इस कार्य का जिम्मा कार्यदायी संस्था आवास विकास परिषद को दिया गया था. उसे यह धनराशि भी दे दी गई थी, लेकिन कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.