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सीतापुर: ब्रिटिश हुकूमत में सड़कों के रखे गए नाम बदलने की उठी मांग

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आज भी ब्रिटिश हुकूमत की निशानियां मौजूद हैं. जिले में नगर पालिका के अभिलेखों में कई ऐसी सड़कों और मोहल्लों के नाम दर्ज हैं, जिनकी पहचान अंग्रेजों से मिलती है. नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन ने सड़कों का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने की मांग की है.

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जानकारी देते नगर पालिका के पर्व चेयरमैन आशीष मिश्रा
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Published : Jun 6, 2020, 10:45 PM IST

सीतापुर: देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिले मिले सात दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन उस समय की निशानियां आज भी मौजूद हैं. जिले में नगर पालिका के अभिलेखों में कई ऐसी सड़कों और मोहल्लों के नाम दर्ज हैं, जिनकी पहचान अंग्रेजों से होती है. स्थानीय लोग और नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन ने सड़कों का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने की मांग की है.

ब्रिटिश हुकूमत में रखी गई सड़कों के नाम को बदलने की मांग
प्रदेश की राजधानी से सटा यह जिला ब्रिटिश हुकूमत में सेना का केंद्र हुआ करता था. उस दौरान ब्रिटिश सरकार ने जिले में कई सड़कों और मोहल्लों का नामकरण अपने मुताबिक किया था, जिनमें नगर पालिका के अभिलेखों के अनुसार कंटोनमेंट क्षेत्र में आने वाली कॉक्स रोड,मॉल रोड (ठंडी सड़क),एल्गिन रोड, लारेन्स रोड,नैपियर रोड, मनीफील्ड रोड, आउटरैम रोड,चर्च रोड,गफ रोड के अलावा थॉम्पसनगंज,रोटीगोदाम,लालकुर्ती आदि मोहल्ले शामिल हैं.

सड़कों के नाम बदलने को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन और हिंदी सभा के अध्यक्ष आशीष मिश्रा से कहा कि कि ब्रिटिश शासनकाल में यह पूरा क्षेत्र खैराबाद कमिश्नरी के अंतर्गत आता था और सेना के अंग्रेज अधिकारी यहां कैंप करते थे. उसी दौरान इन सड़कों का नामकरण किया गया था, जो आज भी कायम है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका को इन सड़कों का स्वामित्व ग्रहण करने के बाद इन सड़कों और मोहल्लों के नाम बदल देने चाहिए थे. उनका नामकरण स्वतंत्रता सेनानियों के नाम किया जाए. नगर पालिका बोर्ड प्रस्ताव के जरिए नाम बदल सकती है.

सीतापुर: देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिले मिले सात दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन उस समय की निशानियां आज भी मौजूद हैं. जिले में नगर पालिका के अभिलेखों में कई ऐसी सड़कों और मोहल्लों के नाम दर्ज हैं, जिनकी पहचान अंग्रेजों से होती है. स्थानीय लोग और नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन ने सड़कों का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने की मांग की है.

ब्रिटिश हुकूमत में रखी गई सड़कों के नाम को बदलने की मांग
प्रदेश की राजधानी से सटा यह जिला ब्रिटिश हुकूमत में सेना का केंद्र हुआ करता था. उस दौरान ब्रिटिश सरकार ने जिले में कई सड़कों और मोहल्लों का नामकरण अपने मुताबिक किया था, जिनमें नगर पालिका के अभिलेखों के अनुसार कंटोनमेंट क्षेत्र में आने वाली कॉक्स रोड,मॉल रोड (ठंडी सड़क),एल्गिन रोड, लारेन्स रोड,नैपियर रोड, मनीफील्ड रोड, आउटरैम रोड,चर्च रोड,गफ रोड के अलावा थॉम्पसनगंज,रोटीगोदाम,लालकुर्ती आदि मोहल्ले शामिल हैं.

सड़कों के नाम बदलने को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन और हिंदी सभा के अध्यक्ष आशीष मिश्रा से कहा कि कि ब्रिटिश शासनकाल में यह पूरा क्षेत्र खैराबाद कमिश्नरी के अंतर्गत आता था और सेना के अंग्रेज अधिकारी यहां कैंप करते थे. उसी दौरान इन सड़कों का नामकरण किया गया था, जो आज भी कायम है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका को इन सड़कों का स्वामित्व ग्रहण करने के बाद इन सड़कों और मोहल्लों के नाम बदल देने चाहिए थे. उनका नामकरण स्वतंत्रता सेनानियों के नाम किया जाए. नगर पालिका बोर्ड प्रस्ताव के जरिए नाम बदल सकती है.
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