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फतेहपुर का श्रीगूढ़ेश्वर अखंड धाम आस्था का बड़ा केंद्र, क्या है मान्यता-इतिहास जानिए - MAHASHIVRATRI 2025

प्राचीन शिव मंदिर जनपद मुख्यालय से लगभग 65 किमी की दूरी पर स्थित है.

शिव मंदिर में भक्तों की भी लगी भारी भीड़
शिव मंदिर में भक्तों की भी लगी भारी भीड़ (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 26, 2025, 1:05 PM IST

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर जनपद मुख्यालय से लगभग 65 किमी की दूरी पर विकास खण्ड अमौली के चांदपुर गांव के नोन नदी के तट पर सुरम्य वादियों एवं ऊंचे-ऊंचे टीलों के मध्य स्थित है. यहां रहस्यमयी सत्ता के रूप में परम पिता शिव साक्षात विराजमान हैं. रहस्यमयी उत्पत्ति से लेकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने के कारण श्री गुढ़ेस्वर अखण्ड परम धाम भक्तों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है. शिवरात्रि के दिन यहां भक्तों का भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. यहां जनपद ही नहीं गैर जनपदों से भी भक्तों का आना होता है और देवों के देव भगवान महादेव की कृपा प्राप्त कर मनोकामनाये पूर्ण करने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

आपको बता दें कि विकास खण्ड अमौली के चांदपुर गांव के नोन नदी के तट पर स्थित शिवलिंग की ऐतिहासिक कीविदंती है कि मंदिर के पश्चिम लगभग तीन किमी घनघोर जंगल था. वहां पर चरवाहे प्रतिदिन पशुओं को चराते थे. उन्हीं में से एक मखना निषाद था, जो अपने पशुओं को लेकर इसी जंगल में जाता था, उसकी एक गाय अपना दूध एक झाड़ी से घिरे हुए टीले में रोज निकाल देती थी.

huge crowd of devotees in ancient Shiva temple at Fatehpur
मंदिर में उमड़ती है भक्तों की भीड़. (etv bharat)

गांववासियों ने इस रहस्य को जानना चाहा और खुदाई की तो पता चला कि एक रहस्यमयी अद्भुत शिवलिंग स्थित है. तब चांदपुर के सेठ मथुरा प्रसाद ने यहां मंदिर निर्माण की नीव रख दी. भक्तों ने व्यवस्था संभाली और आज कई मंदिरों का समूह स्थित है. अब मंदिर परिसर में पहुंचते ही भक्तों मे असीमित भक्ति भाव जाग्रत होता है. शिव कृपा की प्राप्ति के लिए कई प्रदेशों से लोग यहां आते हैं. भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने के बाद उनके द्वारा यहां घण्टे चढ़ाए जाते हैं. महाशिवरात्रि पर्व पर दूरदराज से कांवड़ियों के जत्थे आते हैं. शिव आराधना शक्ति प्रदायक एवं दु:ख नाशिनी एवं कल्याणकारी है. इस लिए भक्त यहां खिचे चले आते हैं.

huge crowd of devotees in ancient Shiva temple at Fatehpur
मंदिर में गूंज रहे जयकारे. (etv bharat)

मंदिर के प्रमुख पुजारी स्वामी शिव शिवानंद महाराज ने बताया कि मंदिर के बारे में भक्तों की ऐसी मान्यता है कि जो भी मनोकामना लेकर श्री गूढ़ेश्वर अखंड धाम आता है, उसकी सभी मनोकामनाये पूरी होती है. महाशिवरात्रि व सावन के महीने में सोमवार को दूसरे जनपदों से भक्त जलाभिषेक के लिए आते हैं. यहां मेला भी आयोजित होता है.

मंदिर के व्यवस्थापक मुन्ना सिंह ने बताया कि यहां शिव भक्तों की भारी भीड़ लगती है. शिवरात्रि व सावन में दूर-दूर से गैर जनपदों से भी लोग शिव कृपा प्राप्त करने व मनोकामनाये मागने आते है. मनोकामनाये पूर्ण होने पर लोग घण्टे चढ़ाते है, भंडारों का आयोजन भी कराते हैं. इस बार भोले बाबा की कृपा पाने के लिए हर कोई आतुर दिख रहा है. आज महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवालय में देवाधिदेव महादेव को जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा है.

बता दें कि पूर्व सांसद और पूर्व में रही केन्द्रीय राज्य मंत्री ने अपने कार्यकाल में सदर तहसील के सिद्धपीठ तांबेश्वर मंदिर, बिंदकी तहसील के गूडेश्वर मंदिर चांदपुर और खागा तहसील के कुंडेश्वर मंदिर मंझिलगांव को पर्यटन स्थल के रूप में परिणित किए जाने का प्रस्ताव पर्यटन मंत्रालय को भेजा था. जिसका कार्य प्रगति पर है.

यह भी पढ़ें: किसान ने चावल से बनाई भगवान राम की 10 फीट ऊंची मूर्ति, देखने के लिए जुट रही भीड़

यह भी पढ़ें: अद्भुत है जागेश्वर धाम, अज्ञातवास में पांडवों ने यहां की थी पूजा, सावन में उमड़ते भक्त - Jageshwar Dham fatehpur



फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर जनपद मुख्यालय से लगभग 65 किमी की दूरी पर विकास खण्ड अमौली के चांदपुर गांव के नोन नदी के तट पर सुरम्य वादियों एवं ऊंचे-ऊंचे टीलों के मध्य स्थित है. यहां रहस्यमयी सत्ता के रूप में परम पिता शिव साक्षात विराजमान हैं. रहस्यमयी उत्पत्ति से लेकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने के कारण श्री गुढ़ेस्वर अखण्ड परम धाम भक्तों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है. शिवरात्रि के दिन यहां भक्तों का भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. यहां जनपद ही नहीं गैर जनपदों से भी भक्तों का आना होता है और देवों के देव भगवान महादेव की कृपा प्राप्त कर मनोकामनाये पूर्ण करने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

आपको बता दें कि विकास खण्ड अमौली के चांदपुर गांव के नोन नदी के तट पर स्थित शिवलिंग की ऐतिहासिक कीविदंती है कि मंदिर के पश्चिम लगभग तीन किमी घनघोर जंगल था. वहां पर चरवाहे प्रतिदिन पशुओं को चराते थे. उन्हीं में से एक मखना निषाद था, जो अपने पशुओं को लेकर इसी जंगल में जाता था, उसकी एक गाय अपना दूध एक झाड़ी से घिरे हुए टीले में रोज निकाल देती थी.

huge crowd of devotees in ancient Shiva temple at Fatehpur
मंदिर में उमड़ती है भक्तों की भीड़. (etv bharat)

गांववासियों ने इस रहस्य को जानना चाहा और खुदाई की तो पता चला कि एक रहस्यमयी अद्भुत शिवलिंग स्थित है. तब चांदपुर के सेठ मथुरा प्रसाद ने यहां मंदिर निर्माण की नीव रख दी. भक्तों ने व्यवस्था संभाली और आज कई मंदिरों का समूह स्थित है. अब मंदिर परिसर में पहुंचते ही भक्तों मे असीमित भक्ति भाव जाग्रत होता है. शिव कृपा की प्राप्ति के लिए कई प्रदेशों से लोग यहां आते हैं. भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने के बाद उनके द्वारा यहां घण्टे चढ़ाए जाते हैं. महाशिवरात्रि पर्व पर दूरदराज से कांवड़ियों के जत्थे आते हैं. शिव आराधना शक्ति प्रदायक एवं दु:ख नाशिनी एवं कल्याणकारी है. इस लिए भक्त यहां खिचे चले आते हैं.

huge crowd of devotees in ancient Shiva temple at Fatehpur
मंदिर में गूंज रहे जयकारे. (etv bharat)

मंदिर के प्रमुख पुजारी स्वामी शिव शिवानंद महाराज ने बताया कि मंदिर के बारे में भक्तों की ऐसी मान्यता है कि जो भी मनोकामना लेकर श्री गूढ़ेश्वर अखंड धाम आता है, उसकी सभी मनोकामनाये पूरी होती है. महाशिवरात्रि व सावन के महीने में सोमवार को दूसरे जनपदों से भक्त जलाभिषेक के लिए आते हैं. यहां मेला भी आयोजित होता है.

मंदिर के व्यवस्थापक मुन्ना सिंह ने बताया कि यहां शिव भक्तों की भारी भीड़ लगती है. शिवरात्रि व सावन में दूर-दूर से गैर जनपदों से भी लोग शिव कृपा प्राप्त करने व मनोकामनाये मागने आते है. मनोकामनाये पूर्ण होने पर लोग घण्टे चढ़ाते है, भंडारों का आयोजन भी कराते हैं. इस बार भोले बाबा की कृपा पाने के लिए हर कोई आतुर दिख रहा है. आज महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवालय में देवाधिदेव महादेव को जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा है.

बता दें कि पूर्व सांसद और पूर्व में रही केन्द्रीय राज्य मंत्री ने अपने कार्यकाल में सदर तहसील के सिद्धपीठ तांबेश्वर मंदिर, बिंदकी तहसील के गूडेश्वर मंदिर चांदपुर और खागा तहसील के कुंडेश्वर मंदिर मंझिलगांव को पर्यटन स्थल के रूप में परिणित किए जाने का प्रस्ताव पर्यटन मंत्रालय को भेजा था. जिसका कार्य प्रगति पर है.

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