सीतापुर: जिले की विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट सं. 14 ने नाबालिग बेटी से दुराचार करने के आरोपी पिता को फांसी की सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने 60 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. न्यायालय ने रेउसा पुलिस तथा मॉनिटरिंग सेल की पैरवी और विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो की प्रभावी प्रस्तुति और बहस के बाद यह फैसला सुनाया है.
गौरतलब है कि 01 फरवरी 2020 को थाना रेउसा पर वादी द्वारा सूचना दी गई थी कि उनकी नाबलिग बेटी घर में बिना बताए कही चली गई है. जिसपर थाना रेउसा पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया. तत्कालीन उपनिरीक्षक अजय दुबे ने मुकदमे की विवेचना शुरू की, जिसमें पुलिस ने शक होने पर वादी से सख्ती से पूछताछ की. जिसमें वादी ने बताया कि घटना वाले दिन वह और उसकी बेटी घर में अकेले थे. जिसपर उसने ही अपनी बेटी के साथ जबरदस्ती गलत काम किया. बेटी ने यह बात अपनी मां को बताने को कहा, जिस पर पिता ने अपनी बेटी का गला दबाकर उसे मार डाला. इसके बाद बेटी के शव को घर के आंगन में बने पानी के गड्ढे में डाल कर छिपा दिया.
इस सब के बाद अपने कुकर्म और हत्या को छिपाने के लिए अपनी ही बेटी के गुम होने का नाटक करते हुए तलाश करने लगा और फिर थाने में जाकर मुकदमा लिखावाया. पूर्व में पंजीकृत मुकदमे में धारा 302/201/376AB भादवि व 5m/6 पॉक्सो एक्ट की बढ़ोतरी की गई. निरीक्षक नोवेन्द्र सिंह सिरोही ने विवेचना की. वहीं, 4 फरवरी 2020 को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और 11 फरवरी 2020 को आरोपी पिता के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया था.
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