सीतापुर: अपराधों की दृष्टि से संवेदनशील माने जाने वाले सीतापुर में महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं ने पुलिस की कार्यशैली और दावों को सवालों के घेरे में ला दिया है. अपराधियों में न तो कानून का खौफ रह गया है और न ही पुलिस का लिहाजा महिलाएं अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं.
महिला नहीं हैं सुरक्षित
- जिला अपराध के नजरिए से काफी संवेदनशील माना जाता है.
- कुछ समय पहले तक यह जिला हत्या, लूट और डकैती की वारदातों के लिए पहचाना जाता था.
- पिछले कुछ वर्षों के भीतर इसने महिला अपराध के लिए भी पहचान बना ली है.
- जिले में लगातार हो रही वारदातों ने महिला सुरक्षा को लेकर सरकार और पुलिस विभाग के द्वारा किए जाने वाले दावों की पोल खोल दी है.
- पुलिस विभाग के आंकड़ों पर यदि नजर डाली जाए तो चालू वर्ष में दुष्कर्म की 74 वारदातें हुई हैं.
- इस प्रकार छेड़छाड़ की 433 घटनाएं दर्ज की गई हैं जबकि अपहरण की 327 और हत्या की 80 वारदातें अंजाम दी गई हैं.
- सिर्फ इन आंकड़ों के मुताबिक हर पांचवे दिन एक दुष्कर्म और हर 20 घण्टे में छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दिया गया.
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सपा ने नेता ने सरकार पर साधा निशाना
सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. महिला अधिवक्ताओं ने भी इन अपराधों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस और अदालतों को सख्ती करने की जरूरत है. ऐसे मामलों में तेजी से सुनवाई करके अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है. पुलिस का कहना है कि जिला स्तर से लेकर थाना स्तर तक एंटी रोमियो स्क्वायड को महिला संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय किया गया है.