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सीतापुर: कहीं सुरक्षित नहीं महिलाएं, पुलिस पर भी उठ रहे सवाल

उत्तर प्रदेश के सीतापुर की पुलिस फिर एक बार सवालों के कटघरे में खड़ी है. जिले में महिलाओं के साथ हो रही अपराधिक घटनाओं को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं वो काफी चौकाने वाले हैं.

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महिला नहीं हैं सुरक्षित.
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Published : Dec 15, 2019, 11:35 AM IST

सीतापुर: अपराधों की दृष्टि से संवेदनशील माने जाने वाले सीतापुर में महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं ने पुलिस की कार्यशैली और दावों को सवालों के घेरे में ला दिया है. अपराधियों में न तो कानून का खौफ रह गया है और न ही पुलिस का लिहाजा महिलाएं अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं.

महिला नहीं हैं सुरक्षित.

महिला नहीं हैं सुरक्षित

  • जिला अपराध के नजरिए से काफी संवेदनशील माना जाता है.
  • कुछ समय पहले तक यह जिला हत्या, लूट और डकैती की वारदातों के लिए पहचाना जाता था.
  • पिछले कुछ वर्षों के भीतर इसने महिला अपराध के लिए भी पहचान बना ली है.
  • जिले में लगातार हो रही वारदातों ने महिला सुरक्षा को लेकर सरकार और पुलिस विभाग के द्वारा किए जाने वाले दावों की पोल खोल दी है.
  • पुलिस विभाग के आंकड़ों पर यदि नजर डाली जाए तो चालू वर्ष में दुष्कर्म की 74 वारदातें हुई हैं.
  • इस प्रकार छेड़छाड़ की 433 घटनाएं दर्ज की गई हैं जबकि अपहरण की 327 और हत्या की 80 वारदातें अंजाम दी गई हैं.
  • सिर्फ इन आंकड़ों के मुताबिक हर पांचवे दिन एक दुष्कर्म और हर 20 घण्टे में छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दिया गया.

इसे भी पढ़ें- मध्य प्रदेश : मण्डला में महिलाओं ने साड़ी पहन कर खेली क्रिकेट

सपा ने नेता ने सरकार पर साधा निशाना
सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. महिला अधिवक्ताओं ने भी इन अपराधों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस और अदालतों को सख्ती करने की जरूरत है. ऐसे मामलों में तेजी से सुनवाई करके अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है. पुलिस का कहना है कि जिला स्तर से लेकर थाना स्तर तक एंटी रोमियो स्क्वायड को महिला संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय किया गया है.

सीतापुर: अपराधों की दृष्टि से संवेदनशील माने जाने वाले सीतापुर में महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं ने पुलिस की कार्यशैली और दावों को सवालों के घेरे में ला दिया है. अपराधियों में न तो कानून का खौफ रह गया है और न ही पुलिस का लिहाजा महिलाएं अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं.

महिला नहीं हैं सुरक्षित.

महिला नहीं हैं सुरक्षित

  • जिला अपराध के नजरिए से काफी संवेदनशील माना जाता है.
  • कुछ समय पहले तक यह जिला हत्या, लूट और डकैती की वारदातों के लिए पहचाना जाता था.
  • पिछले कुछ वर्षों के भीतर इसने महिला अपराध के लिए भी पहचान बना ली है.
  • जिले में लगातार हो रही वारदातों ने महिला सुरक्षा को लेकर सरकार और पुलिस विभाग के द्वारा किए जाने वाले दावों की पोल खोल दी है.
  • पुलिस विभाग के आंकड़ों पर यदि नजर डाली जाए तो चालू वर्ष में दुष्कर्म की 74 वारदातें हुई हैं.
  • इस प्रकार छेड़छाड़ की 433 घटनाएं दर्ज की गई हैं जबकि अपहरण की 327 और हत्या की 80 वारदातें अंजाम दी गई हैं.
  • सिर्फ इन आंकड़ों के मुताबिक हर पांचवे दिन एक दुष्कर्म और हर 20 घण्टे में छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दिया गया.

इसे भी पढ़ें- मध्य प्रदेश : मण्डला में महिलाओं ने साड़ी पहन कर खेली क्रिकेट

सपा ने नेता ने सरकार पर साधा निशाना
सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. महिला अधिवक्ताओं ने भी इन अपराधों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस और अदालतों को सख्ती करने की जरूरत है. ऐसे मामलों में तेजी से सुनवाई करके अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है. पुलिस का कहना है कि जिला स्तर से लेकर थाना स्तर तक एंटी रोमियो स्क्वायड को महिला संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय किया गया है.

Intro:desk@ इसमें वीडियो दुबारा मांगा है इसलिए पुनः भेज रहा हूं. सीतापुर: अपराधों की दृष्टि से संवेदनशील माने जाने वाले सीतापुर में महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं ने पुलिस की कार्यशैली और दावों को सवालों के घेरे में ला दिया है.अपराधियों को न तो कानून का खौफ रह गया है औऱ न ही पुलिस का.लिहाज़ा महिलाएं अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं.


Body:सीतापुर जिला अपराध के नज़रिए से काफ़ी संवेदनशील माना जाता है.कुछ समय पहले तक यह जिला हत्या,लूट और डकैती की वारदातों के लिए पहचाना जाता था लेकिन पिछले कुछ वर्षों के भीतर इसने महिला अपराध के लिए भी पहचान बना ली है. जिले में लगातार हो रही वारदातों ने महिला सुरक्षा को लेकर सरकार और पुलिस विभाग के द्वारा किये जाने वाले दावों की पोल खोल दी है.पुलिस विभाग के आंकड़ों पर यदि नज़र डाली जाय तो चालू वर्ष में दुष्कर्म की 74 वारदातें हुई हैं, इसी प्रकार छेड़छाड़ की 433 घटनाएं दर्ज की गई हैं जबकि अपहरण की 327 और हत्या की 80 वारदातें अंजाम दी गई हैं. सिर्फ इन आंकड़ों के मुताबिक हर पांचवे दिन एक दुष्कर्म और हर 20 घण्टे में छेड़छाड़ की वारदात की अंजाम दिया गया.


Conclusion:महिला अपराधों को लेकर हमने समाज के विभिन्न वर्गों के लोंगो से बातचीत की. सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में काफ़ी बढ़ोत्तरी हुई है. महिला अधिवक्ताओ ने भी इन अपराधों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस और अदालतों को सख्ती करने की जरूरत है.ऐसे मामलों में तेज़ी से सुनवाई करके अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने की जरूरत है. उधर पुलिस का कहना है कि जिला स्तर से लेकर थाना स्तर तक एंटी रोमियो स्क्वायड को महिला संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय किया गया है. बाइट-शमीम कौसर सिद्दीकी (पूर्व जिलाध्यक्ष सपा) बाइट-प्रेमलता कटियार (अधिवक्ता) बाइट-पूनम मिश्रा (बीजेपी नेता एवं अधिवक्ता) बाइट-एम.पी.सिंह चौहान (एडिशनल एसपी) पीटीसी-नीरज श्रीवास्तव सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की खास रिपोर्ट,9415084887
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