सीतापुरः विश्व प्रसिद्ध पौराणिक तपोभूमि मिश्रिख नैमिष की होने वाली चौरासी कोसी रामादल धार्मिक परिक्रमा रामनाम के जयकारों के साथ सप्तमी तिथि सोमवार को सातवें पड़ाव मांण्डव ऋषि के आश्रम मड़रुवा पड़ाव स्थल पर पहुंचने का क्रम देर शाम तक चलता रहा. इस दौरान साधु-संतों के डेरो के अलावा गृहस्थों की टोलियां भी भजन कीर्तन में संलिप्त दिखीं. पड़ाव स्थल पर पहुंचते ही परिक्रमार्थियों के स्वागत का सिलसिला ग्राम वासियों द्वारा सुबह से शाम तक चलता रहा.
रामा दल परिक्रमा में देश-विदेश व दूरदराज से आए लगभग तीन लाख से अधिक गृहस्थ, संत, संन्यासी, महन्त, वैरागी, ब्रह्मचारी, मठधीश, कबीर पंथी, नानकपथी, त्यागी, नागा आदि की टोलियां गाजे-बाजे के साथ अपने काफिलों के साथ पैदल चलते हुए दिखाई दिए. परिक्रमा पथ पर पीनस, पालकी, हाथी, घोड़ा, कार जीप, साइकिल, ठेलिया, बैलगाड़ी की भी आमद दिखी. रामादल बाबा की जय के साथ ही बम बम भोले व भजन कीर्तन, ढोल खझरी, मंजीरा बजाते हुए श्रद्धालु आस्था व भक्ति के संगम में हिलोरें लेते दिखे.
चौरासी लाख योनियों से छुटकारा पाने के लिए परिक्रमार्थी अपने गन्तव्य अगले पड़ाव के लिए चलते दिखे. छठवें पड़ाव देवगवा से चलकर राह में गोपलापुर, शिवथान, बरमी, चन्द्रावल आदि स्थानों पर परिक्रमार्थियों का ग्रामीणों ने दधीचि बाबा व रामादल के जयकारों से स्वागत किया. परिक्रमा पथ पर जगह-जगह ग्रामीणों द्वारा चाय पकौड़ा, पूडी-सब्जी, हलवा, जलेबी का वितरण भी दिन भर होता रहा. नेपाल देश से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं को भजन कीर्तन करते हुए पथ पर जाते हुए देखा गया.
पड़ाव स्थल पहुंचते ही परिक्रमार्थियों ने बागों व सड़क के किनारे अपने अपने डेरे लगाने शुरू कर दिए. स्नान , ध्यान के बादभोजन ब्यवस्था में जुट गए. भोजन के बाद विश्राम करके पड़ाव स्थल पर लगे पंडालों में रामकथा, भागवत कथा, भजन कीर्तन में श्रद्दालु शामिल हुए. यहां परिक्रमार्थियों की भीड़ आराम फरमाती दिखी.
पेयजल के लिए जिला पंचायत द्वारा किए गए इंतजाम इस बार काफी सराहनीय रहे. परिकमार्थियो की सुविधा के लिए सीएचसी द्वारा अधीक्षक की अगुवाई में मोबाइल वैन व स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं को दवाइयां वितरित की जाती रही. तहसील प्रशासन द्वारा नायब तहसील दार की अगुवाई में राजस्व टीमें भी पड़ाव स्थल पर श्रद्धालुओं की सुविधा की पूर्ति में जुटी रही. परिक्रमार्थियों के साथ कोतवाल की मौजूदगी में भारी संख्या में पुलिस बल सुरक्षा हेतु चलता दिखा.